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Haryana CET-2025 करेक्शन पोर्टल को लेकर HSSC को बडा झटका, हाईकोर्ट ने कही ये बात

On: November 8, 2025 10:25 PM
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Haryana CET-2025: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के CET-2025 करेक्शन पोर्टल को लेकर एक बार फिर विवाद उठ खड़ा हुआ है। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। नई याचिका के आधार पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को तय की गई है। इस सुनवाई में करेक्शन पोर्टल से जुड़ी पहले से दायर याचिका के साथ नई याचिका की भी सुनवाई होगी।

7 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में 38 अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल की गई नई याचिका पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया। याचिकाकर्ताओं के वकील सार्थक गुप्ता ने बताया कि याचिकाकर्ता वे लोग हैं जो आरक्षित श्रेणियों जैसे बीसीए, बीसीबी, ईडब्ल्यूएस और एससी से संबंधित हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उनके आरक्षित वर्ग का लाभ नहीं दिया जा रहा है और उनकी उम्मीदवारी को सामान्य वर्ग के तहत माना जा रहा है।Haryana CET-2025

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विज्ञापन संख्या 01/2025 के तहत सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) 2025 के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को रिजर्वेशन सर्टिफिकेट जमा करने की अंतिम तिथि 14 जून 2025 थी, जिसे पहले बढ़ाकर दिया गया था। लेकिन बीसीए, बीसीबी और ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद जारी होना आवश्यक था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें केवल करीब 2.5 हफ्ते का समय मिला था, जो तकनीकी समस्याओं और प्रमाणपत्र प्राप्त करने में भारी भीड़ के कारण काफी कम था।

इस वजह से कई अभ्यर्थियों को पुराने प्रमाणपत्र अपलोड करने या सामान्य श्रेणी में आवेदन करना पड़ा। पहले भी इसी समस्या पर कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था, लेकिन दी गई राहत सीमित थी और तकनीकी दिक्कतों के कारण कई उम्मीदवारों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

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अब याचिकाकर्ताओं ने वैध आरक्षित वर्ग के प्रमाणपत्र हासिल कर लिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को प्रतिवादी बनाकर मांग की है कि उनके आरक्षित वर्ग के आधार पर आवेदन को माना जाए और इस मुद्दे के समाधान तक परीक्षा के परिणाम घोषित न किए जाएं। उनका कहना है कि राज्य की प्रशासनिक और तकनीकी असफलताओं की वजह से उनके मूल अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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