हरियाणा: इस बार मार्च और अप्रैल में हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान के का खमियाजा किसानो के साथ पशुपालको को भुगतना पडेगा। पशु पालकों को अब चारे की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बारिश से गेहूं की फसल में गलन हो गया था, जिसके कारण गेहूं की पैदावार कम होने से तूड़ा की कमी महसूस की जा रही है।Haryana News: National Highway पर बंद होंगे अवैध कट, बघौला में बनेगा अंडरपास, 20 गांवो को मिलेगी राहत
रोज बढ रहे तूडे के भाव: तूड़ा के भाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस बार पंजाब से टेंपो और गाड़ियों में भरकर लाया जा रहा। तूड़ा 450 से 600 रुपये प्रति क्विंटल पशुपालकों को मिल रहा है। सबसे बड़ी परेशानी यह आ रही है कि 650 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान करने के बाद भी व्यापारी साफ पशुचारा नहीं दे रहे। क्विंटल के हिसाब से पूरा पशु चारा भी नहीं दिया जा रहा।
पशुपालकों को अब तूड़ा की कमी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिन किसानों ने अभी तक तूड़ा नहीं खरीदा है, उन्हें आगामी दिनों में और अधिक कीमत पर तूड़ा खरीदना पड़ेगा। तेजी से बढ रहे तूड से पशुपालको की नींद उडा दी है।Haryana: पारिवारिक भूमि विवादों को हल करने के लिए बनेगा कानून, लंबित मामलों को जल्द होगा समाधान
बीते साल भी 6 रुपये किलो मिला तूड़ा
जिले में चारे की ज्यादातर आपूर्ति रबी के सीजन में होने वाले गेहूं की फसल से ही पूरी होती है। ज्वार-बाजरा भी बहुत कम होता है। ऐसे में पशुपालकों को तुड़ा पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस साल बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान के कारण तुड़ा का उत्पादन बेहद कम हुआ है।
बीते साल भी बारिश के कारण रबी के सीजन में जिले किसानों को चारे की समस्या से जूझना पड़ा था। इसके चलते किसानों के पंजाब से तूड़ा मंगवाना पड़ा था। पशुपालकों को एक किलो तूड़ा के लिए 6 रुपये तक दाम चुकाने पड़े थे। इस बार फिर से तूडा महंगा हो गया।