Gurugram: रामपुरा हाउस को पछाडने के लिए आखिरकार कैप्टन यादव आए राज बब्बर के साथ, कहा टिकट कटने में मुझे गम नहीं

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संविधान और लोकतंत्र को बचाने की है सख्त जरूरत

Gurugram:  हरियाणा में लोकसभा चुनावों को जोर शोर से प्रचार किया जा रहा है। भाजपा के प्रत्याशी व अपने जीवन के सबसे बडे दुश्मन रामपुरा हाउस को पछाडने के लिए आखिरकार कैप्टन यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर (Raj Babbar) के समर्थन का एलान किया है।

 

बता दे कि गुड़गांव लोकसभा सीट (Gurgaon Lok Sabha Seat) से कैप्टेन खुद चुनाव लडना चाहते थे। लेकिन हाईकमान उनको मौका नहीं दिया। टिकट वितरण ने नाराज चल रहे पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव (Ajay Singh Yadav) ने सारे मतभेद भुलाकर कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर (Raj Babbar) से हाथ मिला लिया हैं

 

टिकट मिलने के पांच दिन बाद नारारगी त्यागे हुए Raj Babbar व Ajay Singh Yadav एक मंच आ गए है। इससे पहले कैप्टन किसी भी कार्यक्रम में राज बब्बर के साथ नहीं दिखे थे।

क्या बोले कैप्टन अजय
वहीं, कैप्टन अजय ने कहा कि वह चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन किन्हीं कारणों से टिकट नहीं मिला। इस बात की खुशी है कि राज बब्बर लोगों के बीच में जा रहे हैं। उन्होंने भी पांच दिन तक विचार किया। लेकिन आज संविधान को बचाने की जरूरत है, लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है।

Gurugram: रामपुरा हाउस को पछाडने के लिए आखिरकार कैप्टन यादव आए राज बब्बर के साथ, कहा टिकट कटने में मुझे गम नहीं

पांच साल तक पसीना बहाया और 400 गांवों में जाकर दौरा किया है। जहां राज बब्बर को उनकी जरूरत होगी, वह पूरी तरह उनके साथ खड़े होंगे। मुझे अब टिकट कटने की चिंता नहीं है।

Gurgaon Lok Sabha Seat कांग्रेस प्रत्याशी फिल्म अभिनेता राज बब्बर के समर्थन में कैप्टन अजय सिंह ने झाड़सा स्थित कार्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं की सभा भी बुलाई। सभा के बाद दोनों नेताओं ने एक साथ पत्रकारों को भी संबोधित किया।

2019 मे Capt Ajay Yadav   जानिए कितने मिले थे मत

2019

कैप्टन की ताकत से राज बब्बर को मिलेग फायदा Gurgaon Lok Sabha Seat
दस सालों से कैप्टन लोगों से जुड़े थे। बब्बर ने कहा कि अगर उन्हें पहले पता होता कि कैप्टन चुनाव लड़ना चाहते हैं तो शायद उनका नाम भी नहीं आता। कैप्टन के समर्थन से आज बहुत बड़ी ताकत मिली है।

राज बब्बर ने कहा कि कैप्टन ने साबित कर दिया कि वह नाराज नहीं हैं। उनके साथ जो अचानक हुआ, उससे दुखी थे। उनका नाराज होना स्वाभाविक था।