Gurugram Building Collapse: 55 घंटे के बाद मलबे से निकाला रेलवे अधिकारी की पत्नी का शव

 

बिल्डर, कंस्ट्रक्टर, स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और आर्किटेक्ट कंसल्टेंट कार्रवाई के दायरे में

गुरुग्राम: बिल्डर की लापरवाही व प्रशासन की मिलीभगत के चलते दो लोगो की जान ले ली। गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे किनारे सेक्टर 109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में बृहस्पतिवार शाम कई फ्लोर की छत गिरने के चलते हादसे के बाद मलबा हटाने का काम जारी है। रेस्क्यू आपरेशन के 55 घंटे बाद सुनीता श्रीवास्तव का शव बरामद कर लिया गया है।

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दरअसल, बृहस्पतिवार की शाम गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेस-वे किनारे सेक्टर 109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी में छठी फ्लोर की छत मंजिल के ड्राइंग रूम की छत ढहने के बाद भूतल तक छत का हिस्सा गिरने से दो महिलाओं की दर्दनाक मौत हो गई थी।

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: एमडी अरुण श्रीवास्तव को 16 घन्टे की भारी मशक्कत कद बाद सुरक्षित निकाल दिया था। लेकिन इस हादसें में इनकी पत्नी के साथ महिला एकता भारद्वाज की मौत हो गई थी। एकता का शव तो हादसे के कुछ घँटेके बाद निकाल दिया गया था।
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दूसरा शव 55 धंटे बाद: लेकिन सुनीता श्रीवास्तव का शव एक भारी बीम के नीचे दबने से प्रशासन को 55 घंटे का समय लग गया। सुरक्षा को देखते हुए शनिवार की दोपहर बचाव कार्य की तकनीक को बदलकर टावर के पीछे से बचाव कार्य का कामशुरू किया गया। इसमें एनडीआरएफ के डिप्टी कमाडेंट कुलीश आनंद की उपस्थिति में टीम ने शनिवार की की देर रात सुनीता श्रीवास्तव का शव निकाल दिया गया।

बिल्डर, कंस्ट्रक्टर, स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और आर्किटेक्ट कंसल्टेंट कार्रवाई के दायरे में

गुरुग्राम : चिटेल्स पैराडिसो सोसायटी हादसा मामले की जांच एसआइटी ने शुरू कर दी है। रविवार से जांच तेज की जाएगी। सबसे पहले सोसायटी के डी-टावर में रहने वाले लोगों का पक्ष लिया जाएगा। इसके आधार पर बिल्डर यानी चिटेल्स इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन अशोक सोलोमन के साथ ही कंस्ट्रक्टर, स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट और आर्किटेक्ट कंसल्टेंट से पूछताछ शुरू की जाएगी। प्रथम दृष्टया मामला स्ट्रक्चरल फाल्ट का लग रहा है। ऐसे में हादसे के लिए बिल्डर और कंस्ट्रक्टर के साथ ही दोनों कंसल्टेंट भी जिम्मेदार हैं। वैसे पूरी सच्चाई जांच से ही सामने आएगी।

द्वारका एक्सप्रेस-वे के नजदीक सेक्टर-109 में चिटेल्स पैराडिसो सोसायटी है। इसके डी-टावर में 10 फरवरी की शाम हादसा हुआ था। इसके बाद जहां बिल्डर अशोक सोलोमन के खिलाफ मामला दर्ज किया वहीं जो भी हादसे के लिए जिम्मेदार हैं, सभी की पहचान करने से लेकर उन्हें सजा दिलाने के उद्देश्य से पुलिस आयुक्त केके राव ने एसआइटी का गठन कर दिया है। इसमें इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त राजीव यादव के अलावा सहायक पुलिस आयुक्त मीना कुमारी सहित कई अधिकारियों को शामिल किया गया है। एसआइटी मामले की जांच करने के साथ ही फिलहाल मलबा हटवाने में भी भूमिका निभा रही है।

आज से रखेंगे पीड़ित अपना पक्ष : सोसायटी में रहने वाले लोग रविवार से एसआइटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे। वे बताएंगे कि कब-कब उन्होंने सोसायटी में कमी को लेकर बिल्डर से शिकायत की थी। किस-किस तरह की शिकायत की थी। बिल्डर ने शिकायतों के आधार पर क्या एक्शन लिया था। इससे पता चल सकेगा कि बिल्डर ने शिकायतों के ऊपर कितनी गंभीरता दिखाई थी। छानबीन के आधार पर एफआइआर में बिल्डर के अलावा अन्य नाम जोड़े जाएंगे। फिलहाल बिल्डर अशोक सोलोमन के

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खिलाफ ही बजघेड़ा थाना पुलिस में मामला दर्ज किया गया है। शिकायत डी-टावर में रहने वाले राजेश भारद्वाज ने दी है। उनकी पत्नी एकता भारद्वाज का निधन मलबे में दबने से हो गया। उनकी मां के साथ उनका बेटा बाहर बैठा था। इस वजह से वे हादसे की चपेट में नहीं आए। एकता भारद्वाज ड्राइंग रूम में थी। उनके ऊपर सीधे मलबा गिर गया था।

मामले की जांच निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों की टीम से कराई जाए। तभी हादसे की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी। मलबे की जांच लैब में कराई जाए, इसे पता चलेगा कि निर्माण सामग्री का इस्तेमाल सही से किया गया था या नहीं। जिस तरह से हादसा हुआ है उससे साफ है कि बिल्डर के साथ ही कंस्ट्रक्टर, आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट भी जिम्मेदार हैं। कुछ भी हो जाए छठी मंजिल की छत ढहने का असर अधिक से अधिक पांचवीं मंजिल तक ही होना चाहिए था।

– राव विवेक सिंह, चेयरमैन, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ आर्किटेक्ट

मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। इस वजह से जांच का काम तेज नहीं हो पा रहा है। वैसे रविवार से पीड़ितों का पक्ष लेने का काम शुरू कर दिया जाएगा। बारीकी से जांच की जाएगी। जांच में जिसकी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने की सिफारिश की जाएगी। पीड़ितों से अपील है कि वे एसआइटी के सामने आकर अपना पक्ष रखें।

– राजीव यादव, सहायक पुलिस आयुक्त