Grap-2 : हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के नियमों का उल्लंघन कर धूल उड़ाकर प्रदूषण फैलाने वालों की अब खैर नहीं है। टीम लगातार दो दिन से फील्ड में उतरी तथा टीम ने कंपनियों का औचक निरीक्षण भी किया। इतना ही नही धूल फैलाने वाले व ग्रेप के नियमों की पालना नहीं करने वालों को नोटिस भेजे जा रहे है।
बढते प्रदूषण को लेकर एनसीआर में 21 अक्टूबर से ग्रेप 2 लागू कर दिया गया है। इसी के चलते अब इन पर प्रतिबंध रहेगा।Grap-2
ग्रेप-2 के तहत दिए गए ये निर्देश
आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर पर रोक
पार्किंग शुल्क, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाने के निर्देश
इमरजेंसी सेवाओं के लिए केवल डीजल जनरेटर के इस्तेमाल में छूट
कंपनियों में डीजल जनरेटर पर रोक
एनसीआर में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों का बढाने के निर्देश्
निजी वाहन छोड़कर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील
जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य न करें।
खुले में लकड़ी या कूड़ा न जलाएं।
ग्रेप के चार चरण तय
बता दे कि हवा की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए ग्रेप के चार चरण तय किए गए हैं। हवा की गुणवत्ता 201 से 300 यानी खराब होने पर ग्रेप-1 लागू किया जाता है। एक्यूआई 301 से 400 यानी हवा बहुत खराब होने पर इसका दूसरा चरण लागू होता है। हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर तीसरा और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर चौथा चरण लागू किया जाता है।
एक जनवरी तक पटाखों पर रोकGrap-2
एक जनवरी तक पटाखों का न तो निर्माण होगा और न ही भंडारण और बिक्री। अवैध और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई भी संभव है। इनमें स्वीकृत ईंधन का ही प्रयोग होगा। ईंट-भट्टों को भी प्रदूषण से निपटने के इंतजाम करने होंगे। हवा की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले खराब की श्रेणी में पहुंचने पर 21 अक्टूबर से ग्रेप-2 लागू किया गया है।
वाहनों को रखना होगा अप-टू-डेट Grap-2
आम लोगों को अपने वाहनों के इंजन ठीक रखने होंगे, जिससे प्रदूषण न फैले। टायरों में हवा का दबाव ठीक रखना होगा। पीयूसी सर्टिफिकेट अपडेट रखने के साथ ही रेड लाइट पर इंजन बंद करना होगा। खुली जगह में कचरा फेंकने पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी।
अपंजीकृत निर्माण पर लगी रोकGrap-2
इसके अलावा अपंजीकृत 500 वर्गमीटर और बड़े भूखंडों में निर्माण व ढहाने पर रोक रहेगी। पंजीकृत निर्माणाधीन या ढहाने वाले भवनों के पास धूल-ध्वनि प्रदूषण रोकने के इंतजाम करने होंगे। निर्माण स्थल पर स्मॉग गन का इस्तेमाल करना होता है। नगर पालिका को नियमित रूप से रोज कूड़ा, मलबा और खतरनाक कचरा उठा कर निस्तारित करना होगा।
ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। इसके लिए तीन टीम कार्य कर रही हैं। कंपनियोंं में औचक निरीक्षण किया जा रहा है।
हरीश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड