हरियाणा: कर्मचारियों के नाम पर राजनीति करने वाले तथाकथित कर्मचारी संघों के प्रमुखों को करारा जवाब दिया गया है, जिसकी देशभर में चर्चा हो रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के चंगुल से बचाने के लिए आउटसोर्सिंग नीति को तर्कसंगत बनाकर 90 हजार से अधिक कर्मचारियों को विभिन्न विभागों में समायोजित करके एक शानदार तोहफा दिया है।हरियाणा विधानसभा के पहले दिन तीन विधेयक पास, आज इस विधेयक पर होगी बहस
हरियाणा कौशल रोजगार निगम उन विभागों की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिनके लिए तत्काल कार्यबल की आवश्यकता है. लगभग 20 दिनों में विभागों की आवश्यकता के अनुसार कर्मचारियों को जॉब ऑफर लेटर जारी कर दिए जाते हैं।
युवाओं को दी बंफर नौकरियां
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि लोकतंत्र में सरकार चलाने में कर्मचारी अहम कड़ी होते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पिछले 9 वर्षों में सरकारी कर्मचारियों की नियमित भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से योग्यता के आधार पर पूरी की गई है और 1 लाख 10 हजार से अधिक युवाओं को नौकरियां दी गई हैं. इसके अलावा, 60 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है।
सीएम विंडो पर बढा विश्वास
अब तक 30 लाख से अधिक लोगों की मुख्यमंत्री तक सीधी पहुंच हो चुकी है। सीएम विंडो पर प्राप्त 10 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है. लोगों का सरकार पर भरोसा बढ़ा हैा
मुख्यमंत्री पिछले 9 वर्षों से सार्वजनिक मंचों से कहते रहे हैं कि जो भी संभव हो वह काम करते हैं। भले ही इसके लिए उन्हें पार्टी नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़े. सीएम विंडो एवं जनसंवाद कार्यक्रम इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
खंडपीठ ने सरकार को नियमित करने के लिए नीति बनाने का आदेश जारी किया है. खंडपीठ ने ये आदेश 2007 से राज्य में कढ़ाई और सुईवर्क प्रशिक्षकों के रूप में कार्यरत कुछ महिला संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए दिए हैं।हरियाणा में 8 टोल प्लाजा होंगे बंद, यहां देखिए सूची
इस बीच, इस मुद्दे पर राज्य की नीति के संबंध में एक पत्र हरियाणा द्वारा उच्च न्यायालय के समक्ष रखा गया था। 23 नवंबर को, राज्य में लंबे समय से सेवारत कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए एक कैडर बनाने की राज्य सरकार की योजना पेश की गई