Best24News, Haryana : हरियाणा के किसानो के लिए खुशखबरी है। अब किसानो अपने फसल की नुकसान के लिए गिरावरी की जरूरत नही है। अब किसान स्वयं ही अपने नुकसान का रिकार्ड बनाकर आनलाईन लोड कर सकेगे। ऐसे मे एक ओर तो किसानो को जल्दी मुआवजा मिल सकेगा वही सरकार को नुकसान का रिकार्ड भी जल्दी मिल सकेगा।
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हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए विशेष गिरदावरी करने के निर्देश दिए गये हैं। हरियाणा सरकार भविष्य में किसानों को यह अधिकार भी देने जा रही है कि वे अपने नुकसान की रिपोर्ट बनाकर ऑनलाइन अपलोड कर सकें।
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इस जिलो में हुआ नुकसान:
हाल ही में हुई बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से भिवानी, सोनीपत, कैथल, हिसार, अम्बाला, रेवाड़ी, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ, रोहतक, जींद व यमुनानगर में हुए नुकसान की रिपोर्ट आई है, जबकि करनाल, नूह, फतेहाबाद, पंचकूला, पलवल, पानीपत, सिरसा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर तथा कुरुक्षेत्र में फसलों के नुकसान की शून्य सूचना प्राप्त हुई है।
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डिप्टी सीएम आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर में बोल रहे थे। चौटाला ने बताया कि राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन विभाग द्वारा 5 अगस्त से 5 सितम्बर तक खरीफ फसलों की तथा एक फरवरी से एक मार्च तक रबी फसलों की सामान्य गिरदावरी करवाई जाती है।
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उन्होंने बताया कि सामान्य गिरदावरी होने के बाद फसलों को हाल ही में जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए 2 मार्च 2022 को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए गये हैं कि वे विशेष गिरदावरी करवाकर खराब फसलों की रिपोर्ट भेजें।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 26 अक्तूबर 2014 से 28 फरवरी 2022 तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को हुए नुकसान के लिए 3386.54 करोड़ रुपये की मुआबजा राशि जारी की गई है।
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उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में हुई बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से भिवानी, सोनीपत, कैथल, हिसार, अम्बाला, रेवाड़ी, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ, रोहतक, जींद व यमुनानगर में हुए नुकसान की रिपोर्ट आई है, जबकि करनाल, नूह, फतेहाबाद, पंचकूला, पलवल, पानीपत, सिरसा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर तथा कुरुक्षेत्र में फसलों के नुकसान की शून्य सूचना प्राप्त हुई है।
उन्होंने बताया कि राज्य में रबी 2021-22 सीजन के दौरान लगभग 19 लाख एकड़ में फसलों की बिजाई की गई है, जिसकी उपज लगभग 15 लाख मीट्रिक टन होने की सम्भावना है। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान के लिए दी जाने वाली मुआवजा राशि हेतु बनाए गये मानदण्ड भारत सरकार के मानदण्डों की तुलना में अधिक हैं।
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यू मिलेगा मुआवजा:
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत या इससे अधिक नुकसान होने पर 15,000 रुपये प्रति एकड़, 50 से 75 प्रतिशत नुकसान होने पर 12,000 रुपये प्रति एकड़ तथा 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक नुकसान होने पर 9,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा प्रदान किया जाता है।
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उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रत्येक हिस्सेदार को कम से कम 500 रुपये और बिजाई किए गये क्षेत्र के अधिकतम 5 एकड़ प्रति किसान सीमा के अधीन सहायता प्रदान की जाती है।
दुष्यंत चौटाला ने सदन के सदस्यों द्वारा जल भराव से सम्बन्धित उठाए गये मुद्दे का जवाब देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने सेम व जलभराव की समस्या के समाधान के लिए 450 करोड़ रुपये के बजट की एक योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा किसान हित में है और प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुआबजा देने के लिए प्रतिबद्ध है।