पितृ दोष को दूर करने सुनहरा मौका, इस दिन है सोमवती अमावस्या, जानिए उपाय

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ज्योतिष | पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन सोमवती अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पर स्नान, दान, पूजा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही तमाम तरह की बाधाएं अपने आप समाप्त हो जाते हैं।Ownership & Funding Information

हिंदू धर्म में सावन के महीने का बहुत महत्व होता है. इसी वजह से सावन के महीने में आने वाली अमावस्या भी काफी खास हो जाती है. साल 2023 में सावन अमावस्या के दिन विशेष प्रकार के संयोगो का भी निर्माण हो रहा है.

17 जुलाई को सोमवती अमावस्या
इस बार सावन मास में सोमवती अमावस्या का व्रत 17 जुलाई सोमवार के दिन रखा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन पूजा- पाठ के साथ- साथ कुछ विशेष उपाय करने से जातको के पितृ दोष भी समाप्त हो जाते हैं। आइए इस खबर के माध्यम से आपको पितृ दोष दूर करने के उपायो के बारे में बताते है।

 

सोमती मावस के दिन करें ये जरूरी उपाय

उपाय नं एक: अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। पेड़ की जड़ में जल व दूध अर्पित करें और फिर जनेऊ चढ़ाए और ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जप करते हुए पेड़ की परिक्रमा करें। ऐसा करने से पितृदोष का अशुभ प्रभाव खत्म हो जाता हैफ

उपाय न 2: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। ऐसे में सोमवती अमावस्या के दिन दूसरे सावन के सोमवार का व्रत भी पड़ रहा है। भगवान भोलेनाथ की पूजा करें और कुछ विशेष मंत्रों का जप करें.Rewari: त्वजा से संबंधी बीमारियोंं का जड से उपाय: Dr Smita Kashyap

उपाय न तीन: यदि गंगा में नहाना संभव ना हो तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिला ले. स्नान करने के बाद तर्पण कर्म करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं और पितृ दोष का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है.सोमवती अमावस्या के दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इसीलिए इस दिन पवित्र स्नान जरूर करें।

उपाय नं 4: इस दिन किसी ब्राह्मण परिवार को भोजन पर बुलाएं। उनकी इच्छा के अनुसार ही भोजन करवाएं। दान- दक्षिणा देकर उनके संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें विदा करें। इससे पितृ प्रसन्न होते है।Rewari: त्वजा से संबंधी बीमारियोंं का जड से उपाय: Dr Smita Kashyap

उपाय नं 5: सोमवती अमावस्या पर गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। मछलियों के लिए नदी या तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालना चाहिए। अन्य पशु-पक्षियों के लिए भी भोजन पानी की व्यवस्था करना चाहिए। इससे पितृों को शांति मिलती है, वे तृप्त होते है और पितृ दोष का अशुभ प्रभाव कम होता है।

नोट: यहां पर दी गई सभी जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. हम इनकी पुष्टि नहीं करतें है। अगर आपका मन मानता है तो ये उपाय करें।

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