Faridabad News: फरीदाबाद में अगले महीने आयोजित होने वाले सूरजकुंड मेले में भाग लेने वाले शिल्पकारों और कलाकारों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। जो लोग मेले में अपने स्टॉल लगाना चाहते हैं, उनके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा एक क्यूआर कोड जारी किया गया है। यह क्यूआर कोड सूरजकुंड मेले की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
आवेदन कैसे करें?
सूरजकुंड मेले में भाग लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाया गया है। आवेदन के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:
- क्यूआर कोड स्कैन करें: हरियाणा पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करें।
- ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करें: क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद स्टॉल आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जाएगी।
- मंजूरी प्राप्त करें: प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्टॉल आवंटन की स्वीकृति दी जाएगी।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पकारों को प्राथमिकता
सूरजकुंड मेले में भाग लेने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पकारों और कलाकारों को स्टॉल आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। यह पहल उन कलाकारों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई है जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
सूरजकुंड मेला: आयोजन की तिथियां
सूरजकुंड मेला इस बार 7 फरवरी से 23 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा। यह मेला हर साल शिल्प, कला, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
इस बार की खास बातें
1. थीम राज्यों का चयन
इस बार सूरजकुंड मेले में ओडिशा और मध्यप्रदेश को थीम राज्य के रूप में चुना गया है। ये राज्य अपने अद्वितीय हस्तशिल्प, कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं।
2. स्टॉल की संख्या में वृद्धि
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मेले में स्टॉल की संख्या बढ़ा दी गई है।
- पिछले साल: 1100 स्टॉल
- इस साल: 1300 स्टॉल
3. आकर्षक हस्तशिल्प और प्रदर्शनी
हर साल की तरह इस बार भी मेले में देश-विदेश के शिल्पकार अपने अद्वितीय उत्पादों के साथ भाग लेंगे।
मेले की विशेषताएं
1. हस्तशिल्प और लोक कला का संगम
सूरजकुंड मेला भारत और विदेश के विभिन्न शिल्पकारों और कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है। यहाँ विभिन्न राज्यों की पारंपरिक और आधुनिक कला का प्रदर्शन होता है।
2. संस्कृति का प्रदर्शन
हर साल थीम राज्य अपनी संस्कृति, लोक नृत्य और संगीत के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित करते हैं।
3. भोजन का आनंद
मेले में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी लिया जा सकता है।
सूरजकुंड मेले में भाग लेने का महत्व
सूरजकुंड मेला शिल्पकारों और कलाकारों के लिए अपने उत्पादों और कला को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख मंच है। यह न केवल उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराता है, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि करता है।
आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ:
- शिल्पकारों को अपने उत्पाद बेचने का अवसर।
- कला और संस्कृति को बढ़ावा।
- पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र।
सूरजकुंड मेला: एक वैश्विक पहचान
हर साल सूरजकुंड मेला न केवल देश भर के बल्कि विदेशों के शिल्पकारों और कलाकारों को भी आकर्षित करता है। यह मेला भारत की विविधता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
मेले में जाने के लिए तैयारी
सूरजकुंड मेले का अनुभव करने के लिए टिकट और यात्रा की योजना पहले से बना लें। इस साल की थीम और नए स्टॉल इसे और भी विशेष बना देंगे।
सूरजकुंड मेला भारतीय हस्तशिल्प और संस्कृति का उत्सव है। हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा डिजिटल प्रक्रिया को अपनाने और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पकारों को प्राथमिकता देने से मेले की गुणवत्ता और भी बेहतर होगी। यह मेला न केवल शिल्पकारों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी एक यादगार अनुभव साबित होगा।