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Digital Arrested: सावधान ठगी का नया फंडा है डिजिटल अरेस्ट, जानिए इससे कैसे बचे

On: November 30, 2024 9:28 AM
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Digital Arrested:   शातिर ठगी के नए नए हथकंडे अपना रहे है। आजकल शातिरो ने लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए रोज नया-नया तरीका अपनाते हैं। आजकल शातिर तकनीकों के माध्यम से अपराधी कहीं दूर से ही लोगों को शिकार बना लेते हैं । सबसे अहम बात है एक दर्जन से ज्यादा केस होने के बावजूद ये  Sahtir पुलिस की पकड़ से भी बाहर है।

ठगों ने लोगों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए अब एक और नया तरीका सामने आया है। उसका नाम है ‘डिजिटल अरेस्ट‘. यानि डिजिटल जमाने में अपराध के नित नए रूप सामने आ रहे हैं। साइबर पुलिस के सामने ऐसे ऐसे केस सामने आ रहे हैं कि अपराध के तरीके को जानकर साइबर की गुत्थी सुलझाने वाले भी हैरान हैं। Digital Arrested

 

साइबर क्राइम पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है कि यह साइबर अपराध का नया तरीका है। इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है। आज हम आपको डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं? इसके बारे में बताएंगे.Digital Arrested

जानिए कैसे करते है ठगी: साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार ऑनलाइन ठगों ने अब लोगों के साथ ठगी का नया तरीका यानि डिजिटल अरेस्ट निकाला है। शातिर ठग सिम, इंक्स, आधार कार्ड का दुरुपयोग करके, मनी लॉन्ड्रिंग, टेररिस्ट कन्वर्जन में नागरिकों का मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं।

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DIGITAL ARREST

ऐसे शातिर कई ट्रिक से ठग नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट कर लेते हैं। इसके बाद शातिर द्वारा पुलिस स्टेशन, पुलिस ड्रेस जैसे सेटअप दिखाकर वीडियो कॉल गिरफ्तारी के लिए डराया जाता हैं।

 

पूछताछ के नाम पर वेबकैम, स्काइप मोबाइल से वीडियो कॉल पर आमने-सामने बैठाकर रखते हैं। उनकी फोटा देखकर लोग डर जाते है तथ उसे पुलिस टीम ही समझ लेते है।

कई लोग जुडे है ग्रुप से: बता दे कि नकली पुलिस अफसरों से भी अलग-अलग नंबरों पर बात कराई जाती है। फिर जमानत के नाम पर ओटीपी मांग लिया जाता है। ऐसे में लोग डर जाते हैं और अपने बैंक खातों संबंधी जानकारी ठग को दे देते हैं।Digital Arrested

क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट…यह साइबर क्राइम का नया तरीका है। इस ठगी में अमीर लोगों को निशाना बनाया जाता है। साइबर फ्रॉड लोगों को फंसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का खेल खेलता है और लोग उसके जाल में फंस जाते हैं।

डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड वीडियो कॉल के जरिए आप पर हावी होता है और आपको घर में ही बंधक बना लेता है या फिर कही ओर उसे शिफ्ट करवा देता है। पहले ठग आपको पुलिस का अधिकारी बनकर वीडियो कॉल करता है ओर आप उसके चुंगल मे फस जाते है।

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DIGITAL ARREST 3

फिर उसे समझाया जाता कि आपका आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का उपयोग किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है। इसी के साथ ठगी के लिए आपको डराने-धमकाने का ‘खेल’ शुरु होता है।Digital Arrested

रिजर्व बैंक के अनुसर 2023 के दौरान देश में 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई। डिजिटल अरेस्ट में नकली पुलिस स्टेशन, सरकारी कार्यालय स्थापित करने और ED जैसी वर्दी पहनने जैसे हथकंडे तेजी से अपनाए जा रहे हैं।

नोएडा में युवती को बनाया शिकार: डिजिटल अरेस्ट को लेकर पिछले 10 दिनों में दो मामले सामने आए हैं। करीब आठ घंटे तक स्काइप कॉल से युवती की निगरानी कर बंधक बनाए रखा गया। जालसाजों ने आठ घंटे बाद खाते में 11.11 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

फरीदाबाद में छात्रा से ठगी: फरीदाबाद की एक छात्रा को 17 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया और उससे ढाई लाख रुपये लिए गए। एक पार्सल कंबोडिया भेजा जा रहा है जिसमें काफी संख्या में पासपोर्ट और अन्य कार्ड है

जयपुर में व्यापारी, गंवाए 50 लाख की ठगी: जयपुर के बजाज नगर में रहने वाले एक व्यापारी से कहा कि वह एयरपोर्ट से बोल रहा है। आपके द्वारा चाइना भेजे जा रहे पार्सल में 300 ग्राम हेरोइन, फर्जी पासपोर्ट व 15 सिम कार्ड मिले हैं। गिरो ने उससे 50 लाख ठग लिए।

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झुंझुनूं की महिला प्रोफेसर से ठगे 7.67 करोड: बता दे 3 महीने ऑनलाइन मॉनिटरिंग में रहीं राजस्थान के झुंझुनूं जिले की एक महिला प्रोफेसर को साइबर ठगों ने तीन महीने तक ऑनलाइन मॉनिटरिंग में रखा। ली। आरोपियों​​​​​ ने तीन महीने में महिला से अलग-अलग ट्रांजेक्शन के जरिए 7.67 करोड़ रुपए ठग लिए।

 

पुलिस अधिकारियों के अनुसार अगर कोई फोन आए तो तुरंत स्थानीय पुलिस से संपर्क करना चाहिए। नागरिक 1930 नंबर पर भी सूचना दे सकते हैं। साइबर क्राइम की वेबसाइट – www.cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं

फर्जीवाड़े से बचने के उपाय

  • डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचे और कहां करें इसकी शिकायत?
  • अपने पासवार्ड को बार-बार बदलते रहें

 

 

 

  • जागरूकता बढ़ाएं, एंटीवारयस रखें
  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें
  • ध्यान रहे गिरफ्तारी फिजिकल ही होती है, डिजिटल नहीं
  • पुलिस या कोई भी सरकारी अधिकारी, फोन या वीडियो कॉल पर कोई जानकारी नहीं दे
  • फोन, लैपटॉप या किसी अन्य डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अप-टू-डेट रखें

 

 

  • आधिकारिक दस्तावेज की हार्ड कॉपी आपके साथ साझा की जाती है.
  • अगर कोई इस तरह का फोन कर रहा है तो उसे कहे कि आप बुलाए गए पुलिस थाने पर जा सकते हैं.
  • अगर आप हादसे का शिकार हो गए हैं तो क्या करें?
  • पुलिस थाना या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाएं

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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