Delhi Air pollution: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। इसे देखते हुए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। हाल ही में राजधानी में बढ़ते AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) को लेकर पर्यावरण विभाग ने आदेश जारी किया है कि सभी सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ करना अनिवार्य होगा। यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
किन कर्मचारियों को नहीं मिलेगी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा
सरकार ने कुछ जरूरी सेवाओं को इस नियम से पूरी तरह छूट दी है। यानी इन विभागों के कर्मचारी चाहे प्रदूषण का स्तर कितना भी बढ़ जाए, उन्हें दफ्तर या फील्ड में आना होगा। इनमें अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं, फायर सर्विस, जेल विभाग, सार्वजनिक परिवहन, बिजली और पानी की आपूर्ति, स्वच्छता व नगर निगम सेवाएं, आपदा प्रबंधन विभाग, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण टीमें, धूल नियंत्रण टीमें, GRAP लागू करने वाली टीमें और बायोमास जलाने पर निगरानी करने वाले विभाग शामिल हैं। ये कर्मचारी सीधे तौर पर फील्ड में काम करते हैं और शहर की व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
50% कर्मचारियों के साथ ऑफिस में काम होगा
सरकारी विभागों में अब केवल आधे कर्मचारी ऑफिस आएंगे। विभाग के अध्यक्ष और प्रशासनिक सचिवों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। प्राइवेट कंपनियों में भी इसी तरह आधे स्टाफ के साथ काम करना होगा जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे। जहां संभव हो, ऑफिस के समय को स्टैगरिंग (अलग-अलग समय पर) करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि कर्मचारियों की भीड़ कम हो।
नियमों का सख्ती से पालन कराएंगे अधिकारी
इन आदेशों का कड़ाई से पालन ज़िला मजिस्ट्रेट और डीसीपी करेंगे। सरकार का मकसद राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करना और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह कदम दिल्ली-NCR को प्रदूषण की मार से बचाने में मदद करेगा।

















