Visa News: मकान व जमीन बेच लिया था बीजा, विदेश में रोजी के पडे रोटी के लाले

VISA
विदेश में नौकरी का जाल, हरियाणा में 50 युवक आर्मेनिया में फंसे हरियाणा: रोजगार की तलाश मे विदेश में गए हरियाणा के 50 से अधिक युवक तीन महीने से अधिक समय से आर्मेनिया में फंसे हैं। जिस एजेंट के माध्यम से ये युवा देश से निकले थे उसने इन्हें आर्मेनिया में छोड़ दिया है। आर्मेनिया में काम न मिलने के कारण, इन्हें खाने के लाले पड़े हुए हैं।Rewari: फिर लगाई कूडे में आग, 20 दिन में पांचवी बार लगी आग आर्मेनिया में फंसे बिट्टू ने फोन पर बताया कि एजेंट ने उससे कुछ दिन आर्मेनिया में रहने के बाद यूरोप के किसी देश में डिलीवरी ब्वॉय का काम दिलाने का वादा किया था। इसके बदले प्रति माह 80 हजार से एक लाख रुपये वेतन मिलना था। सिरसा के लकड़ांवाली निवासी अवतार सिंह ने बताया कि खेत और मकान गिरवी रखकर उन्होंने बेटे बिट्टू को 26 दिसंबर 2022 को जयपुर एयरपोर्ट से आर्मेनिया भेजा था। सिरसा के बालभवन रोड स्थित इमिग्रेशन सेंटर से उसने वीजा लगवाया था। विदेश मे नौकरी का जाल हरियाणा पंजाब के युवा अवैध रूप से सबसे अधिक यूरोपीय देशों में जाते हैं। एजेंट कई युवकों से छह से सात लाख तो कई से 10 से 12 लाख रुपये लेते हैं। जर्मनी, तुर्की, सर्बिया जैसे यूरोपीय देशों में वीजा लगवाने और डोंकी के माध्यम से भेजने का छह से सात लाख रुपये का पैकेज होता है।Weather Alert: मौसम विभाग ने दी चेतावनी, इस दिन से पडेगी लू युवक ई-वीजा से 21 दिन के लिए गए थे। तीन माह तक काम नहीं मिला तो स्थिति बिगड़ी। बोले- एजेंट ने जिस मकान में रखवाया वह भी किराया मांग रहा है। न देने पर बाहर निकाल देगा। एजेंट ने नौकरी और 80 हजार से एक लाख प्रति माह वेतन दिलाने का वादा किया था।   वर्क वीजा के स्थान पर थमाया ई वीजा बिट्टू के साथ फंसे सिरसा, फतेहाबाद, कैथल और करनाल के युवकों का कहना है कि आर्मेनिया पहुंचने के बाद उन्हें वहां की करेंसी भारत से कम होने की जानकारी मिली। वहां पहुंचने पर एजेंट ने वर्क परमिट की जगह ई-वीजा थमा दिया। यह ई-वीजा आर्मेनिया में केवल 21 दिन के लिए ही मान्य था। अब ये युवा अवैध रूप से देश में रह रहे हैं। ये सभी युवा अलग-अलग एजेंटों के माध्यम से आर्मेनिया पहुंचे हैं।Dharuhera: अब गांवो में भूमिगत पानी की जांच मे भी खेल नौकरी के नाम पर ठगी: युवको ने बताया कि एजेंट ने वर्क परमिट दिलवाने के नाम पर उनसे सात लाख रुपये लिए थे, लेकिन आर्मेनिया में न तो किसी तरह का काम है और न ही खाने की कोई सुविधा। रोटी भी पडे लाले: एजेंट ने जिस मकान में उन्हें ठहराया था वह भी चार-पांच दिन में किराया देने की कह रहा है। अगर किराया नहीं दिया तो मकान से बाहर निकाल दिया जाएगा। रोजगार नहीं होने के कारण अब रोटी के भी लाले पडे हुए है।