देशभर में प्रमुख मार्गों पर यात्रा करने के लिए टोल टैक्स लिया जाता है, ताकि सड़क की मरम्मत और निर्माण कार्य संभव हो सके। यह शुल्क सभी वाहन चालकों के लिए जरूरी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI new toll tax rules) ने इस प्रक्रिया के लिए सख्त नियम बनाए हैं, लेकिन देशभर में कुछ खास व्यक्तियों और वाहनों को इस शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई है, ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
ऐसे तय होता है टोल टैक्स –
टोल शुल्क वाहनों के प्रकार और यात्रा की दूरी के आधार पर तय किया जाता है। ट्रक और बस जैसे बड़े वाहन ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए उनसे ज्यादा शुल्क लिया जाता है। वहीं, छोटे वाहनों के लिए टोल दरें कम होती हैं। NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने देशभर में इन दरों को निर्धारित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए हैं, ताकि सभी वाहन चालकों को इस बात की सही जानकारी मिल सके कि उन्हें कितनी राशि चुकानी है।
सरकारी काम वाले वाहनों के लिए नियम –
कुछ वाहनों और व्यक्तियों को सड़क शुल्क से छूट दी गई है। इसमें वे वाहन शामिल हैं जो आपातकालीन सेवाओं (आपातकालीन वाहन टोल छूट) से संबंधित हैं जैसे कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड आदि। सरकारी काम करने वाले वाहनों को भी इससे छूट दी गई है। इसके अलावा, विशेष दर्जा प्राप्त कुछ अन्य वाहनों को भी यह छूट मिलती है। ये नियम सार्वजनिक सेवाओं की सुरक्षा और सुचारू संचालन के लिए बनाए गए हैं, जिससे इन वाहनों को समय पर पहुंचने में मदद मिलती है।
सैन्य और रक्षा वाहनों के लिए टोल टैक्स छूट –
रक्षा वाहन जैसे कि सेना के ट्रक और कार को टोल शुल्क (कर मुक्त रक्षा वाहन) से छूट दी गई है। ये वाहन राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उन्हें किसी भी तरह का सड़क शुल्क नहीं देना पड़ता है। यह नियम बिना किसी रुकावट के सुरक्षा संचालन सुनिश्चित करता है।

















