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ASIAN GAMES 2023: मुंह की खानी पडी बजरंग पूनिया को, एडहॉक कमेटी पर उठे सवाल ?

On: October 7, 2023 2:15 PM
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हरियाणा: एसियन गेंम में भारत को 100 अवार्ड मिल चुके है, जिनमे 25 गोल्ड अवार्ड है। वहीं बिना ट्रायल बजरंग पूनिया को एसियन गेंग में भेजने का खामियाजा भारत का भुगतना पडा। करारी हार को लेकर चारो ओर चर्चा हो रही है।

विशाल के पिता बोले बिना ट्रायल ठीक नहीं

बजरंग को कहा था कि उसकी प्रैक्टिस नहीं है, विशाल को जाने दे। चाहे तो उसके साथ कुश्ती कर लेता लेकिन वह नहीं माना और जिद पर अड़ा रहा। गौरतलब है कि 65 किलोग्राम भार वर्ग के ट्रायल में विशाल जीते थे, लेकिन एडहॉक कमेटी ने बजरंग को बिना ट्रॉयल एशियाई खेलों में भेजा था।HARYANA: हजारों टन बाजरा मंडियों में पडा, आप ने दी आंदोलन की चेतावनी

पहलवान विशाल कालीरमण के पिता सुभाष चंद्र ने कहा 65 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल तो पक्का था। देश को मेडल का नुकसान हुआ है। मैं तो शुरू से ही कह रहा था कि जो मैट पर अभ्यास करके व लड़कर जीता है, उसे ही एशियन गेम्स में भेजना चाहिए।

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भारत ने एक पदक गवाया: पहलवान विशाल कालीरमण के पिता ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजरंग को एशियाई खेलों में भेजने से देश को पदक का नुकसान हुआ है।Rewari-Bawal में एक भी नही, धारूहेडा में सात कालेानी हुई नियमित, यहां देखे लिस्ट

बृजभूषण सिंह 27 सितंबर को गांव बोहर में हरियाणा कुश्ती संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश बोहर के घर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि था बिना ट्रायल शिविर और प्रतियोगिता के हमें खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन उसकी किसी ने नही सुनी।

राजनीति का अखाडा बनी कुश्ती
कुश्ती काफी पीछे चली गई है। इसका परिणाम विश्व चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ में देख सकते हैं। जितने मेडल वे पहले एशियन गेम्स में कुश्ती से जीतते थे, अब वह बात बनने वाली नहीं है।

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याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एडहॉक कमेटी से पूछा

अंतिम पंघाल (Antim Panghal) और सुजीत की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एडहॉक कमेटी से पूछा है कि आखिर किस वजह से बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को ट्रायल्स से छूट दी गई है. भारतीय कुश्ती महासंघ को 23 जुलाई को पहलवानों के नामों की सूची को ओसीओ को भेजनी है. एशियाई खेलों का आयोजन इस साल चीन के ग्वांझू शहर में होगा. इस समय बजरंग और विनेश विदेश में अलग अलग जगह ट्रेनिंग कर रहे हैं.

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अब सवाल ये उठता है कि आखिर बजरंग और विनेश को ही सिर्फ ट्रायल्स से क्यों छूट दी गई? आईओए एडहॉक कमेटी का कहना है कि इन दोनों पहलवानों को ट्रायल्स में इसलिए छूट दी गई है क्योंकि दोनों ने साल 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं. रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की पॉलिसी के मुताबिक जिन पहलवानों ने एक साल में ओलंपिक में या वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीते हों,

 

उनकही एशियाई खेलों की टीम में डायरेक्ट एंट्री है. अब यहां सवाल उठता है कि फिर तो रवि दहिया को भी डायरेक्ट एंट्री मिलनी चाहिए जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता है. लेकिन बताया जा रहा है कि खराब फिटनेस की वजह से रवि को ट्रायल्स से छूट नहीं दी गई है. वह पिछले कुछ समय से चोटिल थे.

Harsh

मै पिछले पांच साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। इस साइट के माध्यम से अपराध, मनोरंजन, राजनीति व देश विदेश की खबरे मेरे द्वारा प्रकाशित की जाती है।

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