Anil Vij on UCC: उत्तराखंड में सोमवार (27 जनवरी) से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू होने जा रहा है, और इस पर हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्री अनिल विज ने सोशल मीडिया पोस्ट कर के उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के इस फैसले की सराहना की है। उनका कहना है कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का फैसला राज्य के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पोस्ट में अनिल विज ने लिखा, “उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के फैसले पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शाबाशी।”
उत्तराखंड में UCC का निर्णय
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में ऐलान किया था कि सोमवार (27 जनवरी) से राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जहां यूसीसी लागू हो रहा है। यूसीसी के लागू होने के बाद राज्य में सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत, और गोद लेने के मामलों में एक समान कानून होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति से ताल्लुक रखते हों।
हरियाणा में भी UCC लागू करने की संभावना
जब उत्तराखंड में UCC लागू करने की बात हो रही थी, तब हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के फैसले की सराहना की और इसे एक सकारात्मक कदम बताया।
गौरतलब है कि हरियाणा में भी यूसीसी लागू करने की बात की जा रही है। साल 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि हरियाणा में भी समान नागरिक संहिता लागू की जा सकती है। उनका कहना था कि राज्य में एक समान सिविल कोड का न होना कई प्रकार के विवादों का कारण बनता है। ऐसे में समाज में एकरूपता लाना जरूरी है। उन्होंने कहा था कि यूसीसी लागू करने का उद्देश्य नागरिकों के लिए व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने से संबंधित कानूनों को समान बनाना है, ताकि किसी भी धर्म के नागरिकों के लिए यह कानून समान रूप से लागू हो सके।
हालांकि, अभी तक हरियाणा में यूसीसी लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और इस पर केवल विचार चल रहे हैं।
उत्तराखंड का यूसीसी लागू करने का ऐतिहासिक कदम
उत्तराखंड सरकार का यह फैसला ऐतिहासिक है, क्योंकि यह भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक नई दिशा की ओर बढ़ने का संकेत देता है। उत्तराखंड में यह फैसला विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा किए गए एक वादे का हिस्सा था। बीजेपी ने चुनावी प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो राज्य में यूसीसी लागू किया जाएगा। इस वादे को अब राज्य सरकार पूरा कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभालते ही यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और इसे लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए।
यूसीसी का उद्देश्य और लाभ
यूसीसी का मुख्य उद्देश्य यह है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून हो, जो सभी धर्मों और जातियों के बीच समानता सुनिश्चित करता है। यूसीसी के लागू होने से न केवल कानून व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय की भावना को भी बढ़ावा देगा। इसके अलावा, यूसीसी के लागू होने से व्यक्तिगत मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण भी होगा।
यूसीसी के लागू होने के बाद, राज्य में नागरिकों को विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने के मामलों में एक समान कानूनों का पालन करना होगा। इस फैसले से उन नागरिकों को फायदा होगा, जो पहले धार्मिक आस्थाओं और परंपराओं के आधार पर अलग-अलग कानूनों के अधीन थे।
क्या हरियाणा में भी यूसीसी लागू होगा?
हरियाणा में यूसीसी लागू करने का विचार पहले ही उठ चुका है, और इससे पहले 2023 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह घोषणा की थी कि राज्य में यूसीसी लागू किया जा सकता है। उनका कहना था कि इस निर्णय से नागरिकों के बीच समाज में एकरूपता आएगी और कानूनों का पालन सभी के लिए समान होगा। इसके साथ ही, यह राज्य में विवादों को कम करने में मदद करेगा, खासकर जब बात व्यक्तिगत मामलों की होती है।
हालांकि, अभी तक हरियाणा में इस फैसले को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और यह केवल एक प्रस्ताव ही बना हुआ है। राज्य सरकार की ओर से इस विषय पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन इसके लिए चर्चा जारी है।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का निर्णय राज्य के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह फैसला न केवल राज्य में समानता को बढ़ावा देगा, बल्कि समाज में एकजुटता और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न करेगा। वहीं, हरियाणा में भी यूसीसी लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा जारी है, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।