हरियाणा: हरियाणा में गौशालाओ की कोई कमी नहीं है। फिलहाल 628 गौशाला पंजीकृत तथा 100 से अधिक एनजीओ की ओर से गोशाला चलाई जा रही है। इन सबके बावजूद करीब 83 हजार से अधिक गोंवंश सडको पर धूम रहे है। यही कारण है हर रोज गोतस्कर इन गौवेंशो को ही अपना शिकार बना रहे है।रेवाडी में रविवार को सरकुलर रोड रहेगा बंद: DC
बता दे कि हरियाणा में पंजीकृत गोशालाओ में करीब 4.5 लाख पशु रखे हुए हैं। सबसे अहम बता यह है पांच साल जिस गति से गौशालाओ की संख्या बढी है, उसी गति से बेसहरा पशुओ मे बढोतरी हुई है।
तस्करो पर अंकुश के बिना नियम नहीं आया काम: हरियाणा सरकार ने गाय की तस्करी और हत्या पर अंकुश लगाने के लिए 2015 में हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन (HGS और GS) अधिनियम बनाया था, लेकिन कम सजा दर के कारण यह इस खतरे की जांच करने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हो रहा है।
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अधर में लटके मामले: हरियाणा पुलिस के सूत्रों ने बताया कि राज्य भर में अधिनियम के तहत पंजीकृत 350 से अधिक मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। हरियाणा में अधिकांश मवेशी पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पाए जा सकते हैं। गौ सेवा आयोग के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इन मवेशियों पर स्थानीय और बाहरी तस्करों की नजर रहती है।
गौशालाओं में आवारा पशुओं के पुनर्वास और पशु तस्करी की जांच के लिए हर जिले में एक गौ रक्षा बल का गठन किया गया है। पिछले 5 सालों में राज्य भर में 500 से अधिक नई गौशालाएं बनाई गईं, लेकिन सभी आवारा पशुओं के पुनर्वास के लिए अभी भी कई और गौशालाओं की आवश्यकता है।