Haryana News: हरियाणा पुलिस ने 24 घंटे के भीतर दो ऐसे शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो खुद को SHO बताकर ठगी का खेल खेल रहे थे। पहला मामला अंबाला का है जहां आरोपी टाटा मोटर्स में मैनेजर रह चुका था और पुलिस इंस्पेक्टर बनकर केस से नाम निकलवाने के बदले रिश्वत मांग रहा था। वहीं दूसरा मामला फरीदाबाद का है जहां एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) के कर्मचारी ने फर्जी SHO बनकर एक शख्स को धमकाया और QR कोड भेजकर उससे 1.25 लाख रुपए ऐंठ लिए। दिलचस्प बात यह है कि इस खेल में मॉडलिंग कंपनी से जुड़े दो दोस्तों की भूमिका भी सामने आई है।
अंबाला में पुलिस इंस्पेक्टर बनकर वसूली का खेल
अंबाला पुलिस ने उस फर्जी SHO को धर दबोचा जिसने खुद को एक पुलिस इंस्पेक्टर बताया और केस से नाम हटवाने के नाम पर पैसे मांगने लगा। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी पहले टाटा मोटर्स (Tata Motors) में बतौर मैनेजर काम कर चुका था लेकिन बाद में अपराध की दुनिया में उतर गया। आरोपी ने खुद को प्रभावशाली पुलिस अफसर दिखाने के लिए बाकायदा वर्दी पहनी और लोगों को भरोसा दिलाने के लिए नकली पुलिस ID कार्ड तक इस्तेमाल किया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने एक पीड़ित से कहा कि उसका नाम एक केस में दर्ज है और अगर वह कुछ पैसे चुका दे, तो वह उसका नाम हटवा सकता है। जब पीड़ित को शक हुआ तो उसने असली पुलिस से संपर्क किया। मामले की तहकीकात के बाद पुलिस ने फर्जी SHO को रंगे हाथों धर दबोचा। पूछताछ में पता चला कि आरोपी पहले भी इसी तरह की ठगी कर चुका है।
1. केस से नाम निकालने के रुपए मांगे, पीड़ित असली एसएचओ के पास पहुंचा
अंबाला के मुलाना SHO बलकार सिंह ने बताया- ”कल हमारे पास एक व्यक्ति आया। उसने बताया कि एक पुलिसवाले ने उससे केस से नाम निकालने के बदले पैसे मांगे हैं। वह खुद को SHO बता रहा है। उन्हें शक हुआ कि वाकई वह असली एसएचओ है तो वह थाने आ गए। पुलिस ने शिकायत मिलते ही आरोपी को ट्रेस करते हुए थाना मुलाना के दोसड़का एरिया से गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया आरोपी प्रेमचंद्र नाम का था।
जांच में पता चला कि आरोपी प्रेमचंद्र पहले टाटा मोटर्स में मैनेजर था। इसके बाद वह फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को पुलिस की धमकी देकर अवैध वसूली करने लगा। इसके पास पुलिस का आईकार्ड भी था। SHO ने कहा कि अब इसकी भी जांच की जाएगी कि इसने अपना जाली आईडी कार्ड कहां-किससे और कैसे बनाया। इसके साथ के दूसरे आरोपियों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
SHO बलकार सिंह ने बताया कि फर्जी इंस्पेक्टर की क्राइम हिस्ट्री खंगालने के लिए कोर्ट से उसे रिमांड पर लिया जाएगा। पूछताछ के आधार पर उसके ठगी के और केसों का खुलासा हो सकता है। वह करीब 2 साल से फर्जीवाड़ा कर रहा था।
2. CA के कर्मचारी संग मॉडलिंग कंपनी के दोस्त शामिल
फरीदाबाद में एक व्यक्ति ने बल्लभगढ़ पुलिस को बताया कि 26 दिसंबर को उसके पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले खुद काे थाना सेक्टर 58 का SHO बताया। फर्जी एसएचओ ने कहा कि उसके खिलाफ सरकारी कंपनी ने शिकायत दी है। इसके बाद उसने फोन काट दिया।
पीड़ित ने डरकर उसके नंबर पर कॉल किया तो उसने कहा कि अब उससे ACP बात करेंगे। थोड़ी देर बाद पीड़ित के नंबर पर दूसरी कॉल आई। इस बार आरोपी के दोस्तों ने कॉल करते हुए कहा कि वह कंपनी से बोल रहे हैं। पीड़ित ने जुलाई में दवाई ऑर्डर की थी और डिलीवरी के समय फोन नहीं उठाया। इसी को लेकर सेक्टर 58 थाने में शिकायत दर्ज है।
अगर उसे केस रफा-दफा करना है तो इसके बदले रुपए देने होंगे। इसके बदले उसे क्यूआर कोड भेजा। इसके बाद 9 ट्रांजैक्शन के जरिए 1.20 लाख रुपए ठग लिए। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिनमें सुमित को पटौदी, गुरुग्राम, सोनिद्रं भाटी को नोएडा से और रवि को गुरुग्राम से पकड़ा गया।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि सुमित और सोनिद्रं नोएडा की एक मॉडलिंग कंपनी में कैमरामैन और मैनेजर हैं। रवि गुरुग्राम में एक सीए के यहां काम करता है। रवि और सुमित पहले एक मेडिसिन कंपनी में सेल्स में काम करते थे, जहां से उन्होंने कॉलिंग सीखी। जिसके बाद पैसे कमाने के लिए फ्रॉड करने लगे।

















