हरियाणा: सुनील चौहान। मामूली कलह के कारण 7 जन्म साथ बिताने के रिश्ते एक ही झटके में टूट रहे हैं। इस प्रकार के बढ़ते मामलों ने झज्जर पुलिस को भी बैचेन कर दिया। इसलिए झज्जर पुलिस ने एक सराहनीय पहल की, जिसकी वजह से पिछले 7 माह के दौरान 353 घर टूटने से बच गए। पुलिस की काउंसिलिंग के बाद अब ये परिवार हंसी-खुशी जिदंगी जी रहे हैं।
इस कार्य में झज्जर व बहादुरगढ़ की महिला सेल की टीम ने दिन रात मेहनत की। दोनों टीमों की SP राजेश दुग्गल ने भी सराहना की। दरअसल, परिवारिक कलह की वजह से बहुत से घर उजड़ रहे हैं। हालात यह हैं कि शादी के 2-3 माह बाद ही बंधन की डोर टूट रही है। इस प्रकार के मामलों की एक तरह से बाढ़ आ गई थी।
रही सही कसर कोरोना के बाद खड़ी हुई बेरोजगारी की समस्या ने पूरी कर दी। हालात यह बन गए कि अकेले झज्जर जिले में ही परिवारिक कलह के चलते औसतन हर दिन 3 से 4 केस पुलिस के पास पहुंचने लगे। उसके बाद एसपी राजेश दुग्गल ने झज्जर व बहादुरगढ़ महिला सेल टीम को मामल को सुलझाने का जिम्मा सौंपा।
दोनों टीमों को परिवारों की काउंसिलिंग कराकर दोबारा से घर बसाने को लेकर प्रयास करने के आदेश दिए। परिणाम यह सामने आया कि पुलिस ने बड़े स्तर पर न केवल परिवारों को समझाया, बल्कि दोबारा से उनकी हंसी-खुशी वाली जिंदगी को पटरी पर लाने को लेकर प्रेरित भी किया। इसमें एडीआर सेंटर झज्जर की भूमिका भी सराहनीय रही।
छोटी-सी बात और थाने पहुंच गई शिकायत
कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें घर की तू-तू मैं-मैं के बाद ही पति-पत्नी थाने की दहलीज तक पहुंच गए। कुछ ऐसे भी मामले रहे, जिनमें पति द्वारा मारपीट, पत्नी को दहेज को लेकर उलहाने देना या फिर बात-बात पर टोकने जैसी शिकायत पहुंची। हालात ऐसे बन गए कि पति-पत्नी दोनों ही अलग होने तक के फैसले पर आ पहुंचे।
लेकिन झज्जर पुलिस ने दोनों के अलग होने से पहले उनकी न केवल काउंसिलिंग की, बल्कि घर को बसाने के तौर तरीकों को समझाकर उनके घर को बसाने का सराहनीय कार्य भी किया। महिला सेल प्रभारी झज्जर सहायक उपनिरीक्षक सरिता तथा महिला सेल प्रभारी बहादुरगढ़ सहायक उपनिरीक्षक पूनम की टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
7 माह में 576 शिकायतें पहुंची:
महिला प्रभारी बहादुरगढ़ पूनम ने बताया कि इस वर्ष एक जनवरी से अब तक करीब 576 शिकायतें परिवारों के बीच आपसी झगड़े या मनमुटाव के संबंध में मिली थी। घरेलू विवाद का दूसरा बड़ा कारण दहेज के लिए ससुरालियों द्वारा ताने मारना सामने आया है। इनमें से 353 परिवारों को टूटने से बचा लिया गया है। इनमें से महिला सेल झज्जर की टीम द्वारा 231 तथा महिला सेल बहादुरगढ़ की टीम द्वारा 122 मामले सुलझाए गए। 17 शिकायतें गंभीर किस्म की होने के कारण अलग-अलग आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें दहेज प्रताड़ना सहित मारपीट और जान से मारने की धमकी के मामले शामिल हैं।