रेवाडी: सुनील चौहान। नागरिक अस्पताल में प्रसव के लिए आई एक महिला के शिशु की प्रसव से पहले ही गर्भ में मौत हो गई। महिला के परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। परिजनों ने बताया की डिलीवरी वक्त कोई चिकित्सक मौजूद नहीं थे। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। उधर अस्पताल प्रबंधन ने शिकायत मिलने की बात कहते हुए जांच किए जाने का भरोसा दिलाया है।
शहर की आदर्श नगर कॉलोनी निवासी 32 वर्षीय फूल कुमारी को परिजनों ने प्रसव के लिए 12 नवंबर को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया था।परिजनों का आरोप है कि 12 नवंबर को जब वे प्रसूता को डिलीवरी के लिए नागरिक अस्पताल लाए थे तो उस वक्त वह बिल्कुल सामान्य थी।
डॉक्टरों ने जांच में सब कुछ सामान्य बताया था। देर रात चिकित्सक की गैर मौजूदगी में ही प्रसूता को डिलीवरी के लिए ले जाया गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि वहां चिकित्सक की बजाय मौजूद स्टाफ नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने न केवल प्रसूता के साथ मारपीट अपितु पेट दबाकर जबरदस्ती डिलीवरी कराने की कोशिश की गई। इस लापरवाही की वजह से प्रसूता का गर्भाशय फट गया और गर्भाशय में पल रहे शिशु की भी मौत हो गई।
इस दौरान जब प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो कर्मचारियों ने परिजनों को निजी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी। तत्पश्चात प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया जिसमें पता चला कि बच्चे की मौत हो चुकी है।
सोमवार सुबह सुता के परिजन नागरिक अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया इसकी सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें समझा कर जांच का आश्वासन दिया। इसके पश्चात परिजनों ने सिविल सर्जन को मामले की शिकायत देते हुए जांच कराए जाने की मांग की है। डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सर्वजीत थापर ने बताया कि शिकायत की जांच के बाद बच्चे की मौत और लापरवाही किस स्तर पर हुई इसका पता चलेगा।