हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दाखिला लिया है। वे जापानी सीखेंगे और इसके लिए उन्होंने जापानी संस्कृति एवं भाषा के बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिले के लिए अप्लाई किया था। पहली मेरिट लिस्ट जारी हो गई है और लिस्ट में पहला स्थान मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ही है।इसके साथ ही वे इस कोर्स में दाखिला लेने वाले सबसे पहले छात्र बन गए हैं। बता दें कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पुनर्मिलन 2021 कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जापानी भाषा के सर्टिफिकेट एंड डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने की इच्छा जाहिर की थी।
सीएम का एक तो कुलपति का तीन रोल नंबर:
इस कोर्स में मुख्यमंत्री के अलावा हरियाणा सरकार और स्वायत्त संस्थान के 5 अन्य उच्चाधिकारियों ने भी जापानी संस्कृति एवं भाषा के बेसिक सर्टिफिकेट कोर्स (3 महीने का कोर्स) में दाखिला लिया है। इनमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आईएएस वी. उमाशंकर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, आईआरएस योगेंद्र चौधरी, पवन कुमार और अनंत प्रकाश पांडेय शामिल हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को रोल नंबर एक मिला है, जबकि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को रोल नंबर तीन मिला है।
सीखने की नहीं होती कोई उम्र: सीएम
इस मौके पर CM मनोहर लाल ने कहा कि शिक्षा कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में ग्रहण कर सकता है, सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। उनका शुरू से ही विदेशी भाषा सीखने के प्रति लगाव रहा है, इसलिए उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए जापानी भाषा के कोर्स में दाखिला लिया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने जापानी भाषा कोर्स के प्रथम विद्यार्थी बनने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। मुख्यमंत्री के इस कोर्स में दाखिला लेने से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में उत्साह व जोश का संचार होगा।
जापानी भाषा को समझना और पढ़ना सिखाया जाएगा:
कला एवं भाषा संकाय के अधिष्ठाता एवं विदेशी भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रजेश साहनी ने बताया कि इस सर्टिफिकेट कोर्स में जापानी इतिहास, जापानी जीवन मूल्य, जापानी के लेखन और उच्चारण की मूल बातें, बॉडी लैंग्वेज, जापानी शब्दावली, दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी अभिवादन व बिजनेस मीटिंग को समझने के साथ-साथ सामान्य वाक्यांश और वाक्यों को पढ़ने में सक्षम होना सिखाया जाएगा। इस कोर्स से भारत एवं जापान के बीच शिक्षा, शोध, व्यापार, रोजगार एवं संस्कृति के आदान-प्रदान के क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा होंगी।