Haryana News: हरियााणा के रेवाड़ी में एक अजीब मामला सामने आया हैं। सूचना के अधिकार का सरेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। रेवाड़ी के एक युवक ने 200 रुपये रजिस्ट्री करने के लिए और दो रुपये प्रति कागज के हिसाब से दो हजार जमा कराए थे लेकिन जवाब में उसे सिर्फ खानापूर्ति की गई है। पैसे लेने के बावजूद जवाब में सफेद कागज देकर गुमराह किया जा रहा है।
जानिए क्या है मामला: बता दे कि गांव चिल्हड़ के रहने वाले अशोक कुमार का आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2022 से लेकिन 21 जुलाई 2025 तक के सरपंच द्वारा कराए गए विकास कार्यों, विभिन्न माध्यमों से मिली विकास राशि, खर्च किए गए विवरण मांगा था। इसके लिए निर्धारित शुल्क दो हजार रुपये भी बैंक के माध्यम से जमा करा दिए गए थे। इसके जवाब के रूप में करीब 900 पेज दिए गए।Haryana News
इसमें कोई बिल्कुल सफेद कागज हैं तो कोई काला प्रिंट है जो बिल्कुल समझ नहीं आ रहा है। अशोक कुमार ने बताया कि अब फिर से संबंधित अधिकारियों को सही जानकारी उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई है। पंकज सिंह एडवोकेट ने बताया कि संबंधित अधिकारी सही जानकारी देने के बजाय लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
जानिए क्या है सूचना का अधिकार : संविधान में सूचना के अधिकार को धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1) के तहत हर एक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है और साथ ही उसे यह भी जानने का अधिकार है कि सरकार कार्य कैसे करती है, इसकी क्या भूमिका है। यह अधिनियम हर नागरिक को सरकार से इनफार्मेशन लेना या प्रश्न पूछने का अधिकार देता है।
जानिए क्या है नियम: भारत का कोई भी नागरिक, इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत किसी भी सरकारी प्राधिकरण से सूचना प्राप्त करने की अपील कर सकता है। इस सूचना को 30 दिनों तक उपलब्ध कराया जाना होता है। इतना ही नहीं जो सूचना मांगी गई है वह जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है तो ऐसी सूचना को 48 घंटे के अंदर ही उपलब्ध कराने का प्रावधान है।Haryana News

















