Haryana News: नगर निगम चुनावों की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। नगर निगम प्रशासन अब चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। निगम ने वार्ड सीमांकन का 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है। कुल 260 बूथों में से 251 बूथों का सीमांकन कार्य समाप्त हो चुका है, जबकि शेष नौ वार्डों पर काम जारी है। इस बार नगर निगम में वार्डों की संख्या 20 से बढ़ाकर 22 की जा रही है। सीमांकन के बाद दावे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी, जिसके बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। चुनाव आयोग जनवरी 2026 में चुनाव कराने की दिशा में कार्य कर रहा है।
18 सितंबर को शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने वार्ड सीमांकन के लिए जिला उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इसमें नगर निगम के दो अधिकारी और पांच पार्षद शामिल किए गए हैं। समिति में वार्ड 8 से पार्षद पुनीत (सामान्य वर्ग), वार्ड 15 से पार्षद अतुल जैन, वार्ड 11 से पार्षद इंदु वलेचा, वार्ड 2 से पार्षद सुरेंद्र नय्यर (अनुसूचित जाति वर्ग) और वार्ड पार्षद हरिप्रकाश सैनी (पिछड़ा वर्ग प्रतिनिधि) को शामिल किया गया है।
सीमांकन प्रक्रिया में केवल नगर निगम सीमा के भीतर आने वाले क्षेत्रों को ही जोड़ा गया है। अधिकारियों ने मौके पर जाकर मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नगर निगम सीमा के बाहर का कोई मतदाता सूची में शामिल न हो। इस बार सीमांकन का पूरा काम PPP (परिवार पहचान पत्र) डेटा के आधार पर किया जा रहा है ताकि हर परिवार का वोट एक ही वार्ड में रहे और मतदाताओं का विभाजन न हो।
दो नए वार्ड बनेंगे, जनसंख्या और वोटरों का संतुलन तय
वर्तमान में नगर निगम क्षेत्र में 20 वार्ड हैं, जिनकी कुल जनसंख्या लगभग 4,05,275 है। इनमें 83,000 पिछड़ा वर्ग (A), 20,953 पिछड़ा वर्ग (B) और 59,224 अनुसूचित जाति के मतदाता शामिल हैं। अब सीमांकन के बाद दो नए वार्ड बनाए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक वार्ड में लगभग 16,000 से 20,000 वोटर होने का अनुमान है। सीमांकन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वार्डों में जनसंख्या का संतुलन बना रहे और विकास कार्यों में समानता हो। निगम अधिकारियों के अनुसार, सीमांकन का अंतिम चरण जारी है और जल्द ही वार्डवार नक्शे और सूचियां जारी कर दी जाएंगी।
पार्षदों में बेचैनी, सीमांकन से बदल सकता है समीकरण
वार्ड सीमांकन की प्रक्रिया ने कई मौजूदा पार्षदों की चिंता बढ़ा दी है। कई पार्षदों को डर है कि सीमांकन के बाद उनके पारंपरिक वोटर दूसरे वार्डों में चले जाएंगे, जिससे उनके राजनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैं। कई पार्षद लगातार अधिकारियों से जानकारी जुटा रहे हैं ताकि वे अपने प्रभाव क्षेत्र को अपने वार्ड में बनाए रख सकें।
वहीं निगम आयुक्त हर्षित कुमार ने बताया कि “वार्ड सीमांकन का कार्य तेजी से चल रहा है। शेष बूथों पर कार्य पूर्ण होते ही दावे और आपत्तियां मांगी जाएंगी, उसके बाद सरकार के आदेशानुसार आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।” गौरतलब है कि 2015 में सोनीपत को नगर परिषद से नगर निगम का दर्जा मिला था, और पहले निगम चुनाव वर्ष 2020 में हुए थे। अब 2026 के आगामी चुनावों से पहले सीमांकन का काम निगम प्रशासन की सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गया है।

















