Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कारखानों (संशोधन) अध्यादेश 2025 को मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले से प्रदेश के लाखों श्रमिकों को सीधा फायदा मिलेगा। अब उन्हें ओवरटाइम का दोगुना भुगतान मिलेगा और हर कर्मचारी को नौकरी के समय औपचारिक नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है।
नियुक्ति पत्र अब जरूरी दस्तावेज
नए संशोधन के अनुसार, हर नियोक्ता को अपने प्रत्येक श्रमिक को नियुक्ति पत्र देना होगा। इसके बिना कर्मचारी को ओवरटाइम का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही, महिला श्रमिकों को अब मशीनों पर या उनके पास काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते सुरक्षा उपकरण और सभी जरूरी प्रबंध किए गए हों। बाल श्रम पर पहले की तरह प्रतिबंध जारी रहेगा।
काम के घंटे और ओवरटाइम में बदलाव
सरकार ने औद्योगिक दक्षता बढ़ाने के लिए काम के घंटे में भी संशोधन किया है। अब एक दिन की अधिकतम कार्य अवधि 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दी गई है, जबकि साप्ताहिक सीमा 48 घंटे ही रखी गई है। लगातार बिना आराम के काम की अवधि अब 5 घंटे से बढ़ाकर 6 घंटे कर दी गई है।
सबसे बड़ा बदलाव ओवरटाइम में हुआ है। अब प्रति तिमाही ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। श्रमिकों को ओवरटाइम के लिए सामान्य मजदूरी दर से दोगुना भुगतान मिलेगा।
छोटे प्रतिष्ठानों को भी राहत
कैबिनेट ने हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025 को भी मंजूरी दी है। 20 से कम कर्मचारियों वाले छोटे प्रतिष्ठानों को अब केवल ऑनलाइन सेल्फ-डिक्लेरेशन देनी होगी। पंजीकरण, संशोधन और बंद करने से जुड़े सभी कार्य अब पूरी तरह पोर्टल के माध्यम से होंगे।
नया श्रम ढांचा अधिक पारदर्शी
इन संशोधनों से श्रमिकों की सुरक्षा, पारदर्शिता और औद्योगिक उत्पादकता में सुधार की उम्मीद है। सरकार का दावा है कि यह कदम श्रमिकों और उद्योगों के बीच संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभाएगा और हरियाणा को “श्रमिक हितैषी राज्य” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

















