हरियाणा। रेवाड़ी कोर्ट ने एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक सहित तीन अधिकारियों की गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इतना ही उन्हें 14 जुलाई को कोर्ट में पेश करने के आदेश एसपी को दिए हैं। एचएसवीपी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ दूसरी बार कोर्ट ने वारंट जारी किए हैं। वारंट जारी होने से अफरा तफरी मच गई है।
दूसरी बार किए वारंट जारी
मामले में जस्टिस गर्ग ने तीनों अधिकारियों को गत 23 मई को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने के बारे में जवाब मांगा था। इससे पूर्व भी कोर्ट की ओर से इन अधिकारियों के अरेस्ट वारंट जारी किए थे।Haryana: कार्यालयों में काम काज बंद, लोग परेशान, लिपिकों की स्ट्राइक से राजस्व हुआ ढप
उसके एचएसवीपी के अधिकारियों ने अरबों रुपये की मुआवजा राशि धारूहेड़ा के किसानों के खातों में जमा कराई थी। अधिकारियों की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं देने और कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के कारण दोबारा से एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक गुरुग्राम प्रशासक और गुरुग्राम ईओ कम एलएओ के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं।
वारंट जारी होने से मची अफरा तफरी: जैसे ही तीनों अधिकारियों के अरेस्ट वारंट जारी करते ही अफरा तफरी मच गई। एचएसवीपी की ओर से इन किसानों के खातों में बढ़ी हुई मुआवजा राशि के करोड़ों रुपए जमा कराने के बाद गिरफ्तारी से बचाव किया था।Rewari: गुरावडा College की मरम्मत पर खर्च होंगें 1.50 करोड, विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने किया शुभारंभ
जानिए कब जारी किया जाता है गिरफ्तारी वारंट जारी: बता दे कि गिरफ्तारी वारंट जारी करने की शक्ति अदालत के पास होती है। यह शक्ति अदालत को इसलिए दी गई है क्योंकि अदालत जिस व्यक्ति को किसी मुकदमे में बुलाना चाहती है उसे पुलिस के मार्फ़त बुला सकें। जैसे किसी प्रकरण में यदि अदालत को किसी व्यक्ति के बयान लेने है तब भी वह उस संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सकती है।
वारंट की अवधि क्या होती है जब अदालत किसी भी गिरफ्तारी वारंट को जारी करती है तब वह वारंट दो ही स्थितियों में समाप्त होता है। पहली स्थिति में जब पुलिस नामित व्यक्ति को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश कर दे या फिर वारंट में नामित व्यक्ति स्वयं अदालत के समक्ष सरेंडर कर दे।