Haryana news: सीएम ने किया एएसपी पूनम दलाल की पुस्तक का विमोचन

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दलाल द्वारा लिखित पुस्तक उपयोगी रेवाड़ी, 06 नवंबर : सुनील चौहान। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के मूल मंत्र देने के उद्देश्य से रेवाड़ी जिला की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पूनम दलाल दहिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘मॉडर्न इंडिया’ फ़ॉर सिविल सर्विसिस एग्जामिनेशन का विमोचन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा चंडीगढ़ में आयोजित विमोचन कार्यक्रम में किया गया। मुख्यमंत्री ने पूनम दलाल दहिया की इस दूसरी पुस्तक के लेखन पर उनकी लेखनशैली सहित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए दी गई ज्ञानवर्धक जानकारी की सराहना की। गौरतलब है कि एएसपी पूनम दलाल दहिया मूल रूप से झज्जर जिला के गांव छारा की निवासी है और रेवाड़ी में बतौर एएसपी के पद पर सेवाएं दे रही है। एएसपी पूनम दलाल दहिया द्वारा लिखित पुस्तक के विमोचन उपरांत डीसी रेवाड़ी यशेन्द्र सिंह, एसपी राजेश कुमार व एडीसी आशिमा सांगवान सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने बधाई दी और जिला रेवाड़ी का मान बढ़ाने के लिए पूनम दलाल की कार्यशैली को सराहा गया। *पुस्तक के माध्यम से युवा शक्ति को पूनम ने दिखाई नई राह :* एएसपी पूनम दलाल ने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं में युवाओं का मार्ग प्रशस्त करने में उनकी पुस्तक काफी हद तक उपयोगी है और वे युवा शक्ति को अपने अनुभवों के माध्यम से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाये रखने के लिए भी पुस्तक से प्रेरित कर रही हैं। कुशल मार्गदर्शन के साथ नई राह दिखाने में पूनम दलाल पूरी सजगता के साथ कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनजर एनसिएंट एंड मेडीएवल इंडिया पुस्तक का प्रकाशन भी हो चुका है। उन्होंने बताया कि बतौर प्राइमरी टीचर उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की और उसके बाद निरन्तर अध्ययन जारी रखते हुए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हुए एक के बाद एक एसबीआई में पीओ, आयकर अधिकारी के साथ ही हरियाणा पुलिस में डीएसपी के पद की जिम्मेदारी संभाली। इस दौरान उन्होंने यूपीएससी की परीक्षाओं पर भी फोकस रखा और नित नए अनुभव के साथ युवा शक्ति को सकारात्मक ढंग से सीखने व सिखाने के लिए पुस्तक लेखन के विचार को अपनाया। डीएसपी से एएसपी के पद पर पदोन्नत हो वे अब रेवाड़ी में अपना दायित्व निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि अपनी तैयारी के अनुभवों को उन्होंने अपनी दोनों पुस्तकों में समाहित किया और लेखन कार्य करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए संग्रह तैयार कर प्रकाशन करवाया। उन्होंने कहा कि मन में दृढ़ निश्चय के साथ लक्ष्य प्राप्ति का हौसला हो तो बड़े से बड़ा मुकाम सहजता से हासिल किया जा सकता है।