रेवाडी निवासी श्रीभगवान ने राष्ट्रपति से की अपील
रेवाड़ी: सुनील चौहान। अपने पिता स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय राम सिंह फोगाट के रिकॉर्ड को राष्ट्रीय अभिलेखागार से खोजते समय प्रदेशभर के 285 से ज्यादा गुमनाम शहीदों के रिकॉर्ड को खोज निकालने वाले दादरी के निवासी श्रीभगवान फोगाट ने महामहिम राष्ट्रपति से अपील की है कि इस बार भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर उन गुमनाम स्वतंत्रता सैनानियों को भी सम्मानित करने की परंपरा शुरू की जाए जो राष्ट्रीय अभिलेखागार की पुरानी फाइलों में कैद हैं। साथ ही उन गुमनाम स्वतंत्रता सैनानियों को उस कैद से छुड़वाने के लिए एक योजना की घोषणा करें ताकि अगली वर्षगांठ पर कम से कम उनके परिजनों को तो सम्मानित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति की मेजबानी में हर साल भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर 9 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में स्वतंत्रता सैनानियों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जो इस बार भी होगा। लेकिन आजादी में अपना योगदान देने वाले देशभर के कम से कम सैकड़ों ऐसे शहीद हैं जिनको आज तक उनका सम्मान भी नहीं मिल पाया है।
श्रीभगवान ने बताया कि आईएनए में अधिकतर सिपाही ब्रिटिश सेना के थे और अंग्रेजों ने जानबुझकर यह रिकॉर्ड छिपाया था। इसके कारण सभी स्वतंत्रता सैनानियों का रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं मिल पाया लेकिन अभिलेखागार विभाग में पूरा रिकॉर्ड है। सरकार ने भी अभिलेखागार विभाग से रिकॉर्ड का मिलान नहीं किया जिसके कारण हजारों की शहादत भूला दी गई। उन्होंने कहा कि यदि किसी परिवार को अपने पूर्वजों के आजाद हिंद फौज में होने की थोड़ी भी जानकारी है तो वे उनका रिकॉर्ड भी ढुंढवाने में मदद कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके आग्रह पर मुख्य सचिव सभी जिला उपायुक्तों को यह काम करने को आदेश दे चुके थे लेकिन सरकार के किसी नेता द्वारा दिलचस्पी ना दिखाने के कारण प्रशासन उन शहीदों को भूल गया है। अब उपायुक्त से मुलाकात की तो उन्होंने पूरी दिचचस्पी से बात की शीघ्र ही यह कार्य अंजाम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि यदि किसी परिवार को अपने पूर्वजों के आजाद हिंद फौज में होने की जानकारी है तो वे उनका रिकॉर्ड भी ढुंढवाने में मदद कर सकते हैं। उनसे रेवाड़ी के भक्ति नगर स्थित आवास में आकर या मोबाइल नंबर 9416882290 पर संपर्क किया जा सकता है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सेना में रहे लोगों के यूनिट, आर्मी नंबर व नाम बता दिए जाने पर रिकॉर्ड आजाद हिंद फौज नॉमिनल रोल राष्ट्रीय अभिलेखागार में ढूंढना संभव रहता है।
श्रीभगवान ने कहा कि इनमें से कुछ गुमनाम शहीद वे भी हैं जिनके परिजन पैंशन की फाइलें अस्वीकृत होने के बाद चुपचाप बैठ गए थे। यदि सरकार उन फाइलों की जानकारी भी उपलब्ध करवा दें तो वे उनके रिकॉर्ड खुद ढूंढकर ला सकते हैं। इसके अलावा यदि सरकार इस काम को अपने हाथ में लें तो यह चंद दिनों का काम है।
Haryana news: भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर गुमनाम स्वतंत्रता सैनानी को भी करें सम्मानित
By P Chauhan
On: August 9, 2021 12:43 PM
















