हरियाणा: पूरे प्रदेश में बॉन्ड पॉलिसीके विरोध में MBBS छात्रो का प्रदर्शन जारी है।
पॉलिसी के विरोध में एमबीबीएस के छात्रों और उनके अभिभावकों ने विधायक चिरंजीव राव को ज्ञापन सौंपकर अपनी मुख्य मांगे और शिकायतें रखी।
विधायक चिरंजीव राव ने उनको आश्वासन दिया कि अगले विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को रखकर सरकार को घेरा जाएगा और सरकार की बांड पॉलिसी को वापस लेने के लिए दबाव दिया जाएगा। अगर जल्द ही छात्रो की मांगो को लेकर सरकार कोई फैसला नही लिया तो विपक्ष के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।
विधायक चिरंजीव राव ने कहा एमबीबीएस में बॉन्ड पॉलिसी के तहत हरियाणा सरकार एडमिशन के समय छात्रों से 4 साल में 40 लाख रुपए का बॉन्ड भरवा रही है। छात्र को हर साल 10 लाख रुपये बॉन्ड के रूप में देने होंगे। इस पॉलिसी के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम 7 साल सरकारी अस्पताल में सेवाएं देनी होंगी।
अगर वह ऐसा नहीं करता है तो बॉन्ड के रूप में दिये गये 40 लाख रुपये सरकार ले लेगी। इस प्रकार हरियाणा सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के चलते छात्र पढ़ाई से पहले कर्ज में डूब जायेंगे। उन पर बॉन्ड पॉलिसी के नाम पर आर्थिक बोझ डाल दिया गया है। छात्र हर साल 10 लाख रुपये कहां से लायेगा। इसलिए एमबीबीएस छात्रों की मांग है कि बॉन्ड एग्रीमेंट में से बैंक की दखल अंदाजी पूरी तरह से खत्म की जाए।
इसके अलावा बॉन्ड सेवा की अवधि 7 साल से घटाकर अधिकतम 1 साल की जाये। ग्रेजुएशन के अधिकतम 2 महीने के अंदर सरकार MBBS ग्रेजुएट को नौकरी की गारंटी दे। बॉन्ड की राशि 40 लाख से घटाकर 5 लाख की जाये इतियादी। विधायक चिरंजीव राव ने कहा छात्रों और अभिभावकों की मांगे बिल्कुल जायज है इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इनकी मांगों को मान लेना चाहिए।