Haryana सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में फैक्ट्रियों (संशोधन) अध्यादेश, 2025 और दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 को मंजूरी दे दी। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की। इस बैठक में नए संशोधित प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। नए नियमों के तहत अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र जारी करना अनिवार्य होगा। वहीं, 20 से कम कर्मचारियों वाले निजी प्रतिष्ठानों और दुकानों पर यह कानून लागू नहीं होगा। इसके अलावा, महिलाओं को मशीनों पर काम करने की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हों। अब तीन महीने की अवधि में ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इन संशोधनों का उद्देश्य श्रम कानूनों को आधुनिक औद्योगिक परंपराओं के अनुरूप बनाना, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देना और महिला एवं श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करना है। अब हर नियोक्ता को नियुक्ति के समय प्रत्येक कर्मचारी को औपचारिक नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) देना होगा। इससे रोजगार की शर्तों में पारदर्शिता आएगी और नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। महिलाओं को अब मशीनरी के पास काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते नियोक्ता आवश्यक सुरक्षा उपाय और उपकरण प्रदान करें। पहले के कानून में महिलाओं और बच्चों को कॉटन मशीनों के पास काम करने पर प्रतिबंध था, जिसे अब हटा दिया गया है क्योंकि बाल श्रम पहले से ही प्रतिबंधित है।
काम के घंटे बढ़े, ओवरटाइम पर मिलेगा दोगुना वेतन
औद्योगिक कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए दैनिक कार्य समय 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे किया गया है, जबकि साप्ताहिक सीमा 48 घंटे ही रखी गई है। बिना आराम के लगातार काम की अवधि 5 घंटे से बढ़ाकर 6 घंटे कर दी गई है। अब श्रमिकों से 12 घंटे तक कार्य कराया जा सकेगा, जिसमें आराम का समय भी शामिल होगा। ओवरटाइम की सीमा अब प्रति तिमाही 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दी गई है। सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक होंगे और इसके लिए सामान्य वेतन का दोगुना भुगतान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बदलाव उद्योगों की जरूरतों के अनुसार लचीलापन लाएंगे और साथ ही श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा भी सुनिश्चित करेंगे।
छोटे कारोबारियों को राहत, मामूली अपराधों पर अब केवल जुर्माना
हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 अब केवल उन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा जिनमें 20 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। छोटे प्रतिष्ठानों (20 से कम कर्मचारियों वाले) को अब केवल ऑनलाइन सेल्फ-डिक्लेरेशन देना होगा। सभी पंजीकरण, संशोधन और बंद करने की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी। इससे सेवाओं में तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी, जो हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट 2014 के तहत सुनिश्चित की जाएगी। मामूली प्रक्रियात्मक या आर्थिक उल्लंघनों के लिए अब जेल की सजा की जगह जुर्माना लगाया जाएगा, जिससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि, “संवेदनशील शासन हमारी नीति की नींव है। सरकार के सभी निर्णय पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सेवा भावना पर आधारित हैं ताकि हर नागरिक विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके।”
















