Haryana सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। अब किसान यदि फल, सब्जी, फूल या मसाला फसलों की खेती करेंगे तो उन्हें सरकार की ओर से आकर्षक अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को नई बागवानी शुरू करने पर प्रति एकड़ ₹24,500 से लेकर ₹1,40,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। हालांकि, यह अनुदान अधिकतम पाँच एकड़ भूमि तक की खेती के लिए ही दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी की ओर भी रुख करें ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके और राज्य में विविध कृषि प्रणाली को बढ़ावा मिले।
पाँच एकड़ तक की बागवानी पर मिलेगा लाभ
बागवानी विभाग के अनुसार, इस योजना में फलदार पेड़ों के नए बाग लगाने, एकीकृत मॉडल के तहत सब्जी उत्पादन, मसाला और सुगंधित पौधों की खेती करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा। फल उत्पादन के लिए प्रति एकड़ ₹24,500 से ₹1,40,000 तक की सहायता दी जाएगी। वहीं, सब्जी की खेती के लिए सामान्य किसानों को ₹15,000 प्रति एकड़ और अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को ₹25,500 प्रति एकड़ की सब्सिडी दी जाएगी। मसाला फसलों की खेती के लिए ₹15,000 से ₹30,000 प्रति एकड़ तक और पुष्प (फूल) उत्पादन के लिए ₹8,000 से ₹40,000 प्रति एकड़ तक का अनुदान मिलेगा। सुगंधित पौधों की खेती करने वाले किसानों को ₹8,000 प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी।
सीधे किसानों के खातों में जाएगी राशि
इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि अनुदान की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार न हो। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी फसल का पंजीकरण ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल और ‘हॉर्टनेट’ पोर्टल (hortnet.hortharyana.gov.in) पर कराना होगा। पंजीकरण के दौरान किसानों को आवश्यक दस्तावेज जैसे परिवार पहचान पत्र (PPP ID), बैंक खाता विवरण और यदि किसान अनुसूचित जाति वर्ग से हैं तो जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। सरकार ने सभी जिलों के कृषि एवं बागवानी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों को इस योजना की जानकारी दें और आवेदन प्रक्रिया में सहयोग करें।
किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में बड़ा कदम
राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक गेहूं और धान की खेती से आगे बढ़ाकर लाभदायक फसलों की ओर प्रोत्साहित करना है। फल, सब्जी, फूल और मसालों की खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बागवानी क्षेत्र में इस तरह की योजनाएँ राज्य को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि को अधिक टिकाऊ बनाने में मदद करेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार हर किसान तक यह लाभ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि “हर खेत में हरियाली और हर किसान के चेहरे पर खुशहाली” दिखाई दे। यह योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है जिससे वे अपने कृषि व्यवसाय को नई दिशा और स्थिरता दे सकते हैं।

















