Haryana AQI: फरीदाबाद की हवा इन दिनों फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) काफी बढ़ गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। 5 नवंबर को फरीदाबाद का औसत AQI 226 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि यह हवा सामान्य लोगों के लिए भी हानिकारक है और जिनके दिल, फेफड़े या त्वचा की समस्याएं हैं, उनके लिए तो ये और भी खतरनाक साबित हो सकती है।
न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में हालत सबसे खराब हैं। यहां का AQI 230 से ऊपर पहुंच चुका है, जो गंभीर से भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है। बल्लभगढ़ में भी हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। वहां का AQI 235 तक पहुंच गया है। हालांकि कल की तुलना में थोड़ी गिरावट आई है, परंतु हवा की हालत अभी भी बहुत खराब है। स्थानीय लोग सुबह और शाम को धुंध और धुएं के कारण आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
गुरुग्राम की स्थिति
गुरुग्राम का AQI लगभग 153 दर्ज हुआ है, जो ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में आता है। खासकर विकास सदन इलाके में यह 159 तक पहुंच गया है। पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण ने अपने पैर फैला लिए हैं।
प्रदूषण के कारण
फरीदाबाद में प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, सड़कों पर जमा कूड़ा और कचरे में आग लगाना सबसे बड़ी वजहें हैं। बल्लभगढ़ में एलिवेटेड पुल का निर्माण चल रहा है जिससे धूल और मिट्टी हवा में उड़ रही है। वहीं कई जगह लोग कूड़े में आग लगाकर हवा को और भी दूषित कर रहे हैं।
सबसे जरूरी है कि लोग खुद जागरूक हों। कचरे में आग लगाना बंद करें और सफाई में अपनी जिम्मेदारी निभाएं। सरकार को भी नियमित रूप से सड़कों पर पानी का छिड़काव करना चाहिए ताकि धूल कम उड़े। जब तक प्रशासन और जनता मिलकर इस समस्या से नहीं लड़ेंगे, फरीदाबाद की हवा जहरीली बनी रहेगी और सांस लेना मुश्किल होता रहेगा।
















