Haryana: फरीदाबाद के नीमका गांव में उस समय माहौल गरमा गया जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) की 25 एकड़ खाली जमीन पर प्रस्तावित कूड़ा निस्तारण केंद्र (Garbage Disposal Centre) के निर्माण के खिलाफ रविवार को ग्राम पंचायत आयोजित की गई। पंचायत में टीगांव, मिर्जापुर, मुजेड़ी, नवादा, बारोली, चंदावली, प्रहलादपुर, लहंडोला, घरोरा, जसाना, शाहबाद, भूपापुर, सादपुरा और फरीदपुर सहित कई गांवों के प्रतिनिधि शामिल हुए। पंचायत की अध्यक्षता नवादा गांव निवासी इमरत नगर ने की और उन्हें संघर्ष समिति का प्रमुख चुना गया। पंचायत में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ-साथ पूर्व विधायक ललित नगर और कई स्थानीय पार्षदों ने भी भाग लिया।
पूर्व विधायक ललित नगर ने पंचायत में कहा कि सरकार को इस फैसले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए क्योंकि इस केंद्र के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कूड़े से निकलने वाले जहरीले पदार्थ हवा और पानी दोनों को दूषित करेंगे। वहीं वरिष्ठ नेता रणबीर चंदीला, महिपाल आर्य और सत्यपाल नरवत ने भी चेतावनी दी कि अगर यह केंद्र बन गया तो कई किलोमीटर तक के इलाके में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा, जिससे लोगों को गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, अस्थमा, और फेफड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। टीगांव क्षेत्र के हरिचंद नगर, रतिचंद मास्टर, हेम अधाना, खड़क सिंह चेयरमैन, राजबीर नगर, धरमपाल और प्रताप सहित कई लोगों ने भी विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह परियोजना ग्रामीणों के जीवन और पर्यावरण दोनों के लिए घातक साबित होगी।
नीमका जेल के कैदी और कर्मचारी भी होंगे प्रभावित
नीमका गांव के पास स्थित नीमका जेल में लगभग 3,000 कैदी और सैकड़ों कर्मचारी रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि कूड़ा निस्तारण केंद्र यहीं बनाया गया तो जेल परिसर की हवा और पानी भी दूषित हो जाएंगे, जिससे वहां मौजूद कैदियों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। पूर्व सरपंच जगबीर नगर ने बताया कि एक 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो सबसे पहले केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल और राज्य मंत्री राजेश नगर से मुलाकात करेगी। यदि सरकार ने इस योजना को वापस नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन धरना और आंदोलन शुरू किया जाएगा।
नगर निगम का दावा — पर्यावरण अनुकूल होगा प्रोजेक्ट
वहीं, दूसरी ओर नगर निगम का कहना है कि यह परियोजना पर्यावरण के हित में बनाई जा रही है। निगम ने नीमका जेल के पास की 25 एकड़ जमीन को पट्टे पर लिया है और इस केंद्र के निर्माण के लिए ₹30 करोड़ का बजट तैयार कर सरकार को भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद कार्य प्रारंभ होगा। योजना के अनुसार, शहर का कूड़ा इसी जमीन पर लाया जाएगा, जहाँ गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। गीले कचरे से कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) बनाई जाएगी, जिसे एनटीपीसी प्लांट को आपूर्ति की जाएगी। इसके साथ ही सी एंड डी (C&D) वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी, जिससे कम्पोस्ट खाद और अन्य उपयोगी उत्पाद बनाए जा सकेंगे। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि चाहे योजना कितनी भी आधुनिक क्यों न हो, गांव और जेल के पास इस तरह का केंद्र स्थापित करना अनुचित है और इससे पर्यावरणीय असंतुलन और स्वास्थ्य संकट खड़ा होगा। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस विरोध को देखते हुए क्या निर्णय लेती है।
















