क्या कहते हैं डाक्टर गाय-भैंस ज्यादा गर्मी को सहन नहीं कर सकते। पशुओं को हर रोज कम से कम चार-पांच बार नहलाना चाहिए। छाया में रखना चाहिए और रूम कूलर लगा दें तो बेहतर है। डा. राजेश, पशु चिकित्सक
Haryana: पशुओं में गर्मी के कारण दूध उत्पादन में 50 फीसदी गिरावट
Haryana: इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी का असर इंसानों पर ही नहीं, बल्कि पशुओं पर भी पड रहा है। गर्मी के कारण पशुओं खासकर गाय-भैंसों की दूध उत्पादन की क्षमता में काफी गिरावट आ गई है। गर्मी की मार पशुपालकों को तो झेलनी पड रही है वही आमजन को दूध मिलने में भी दिक्कत आ रही है। पशुओं की दुग्ध उत्पाद क्षमता पर 25 से 50 फीसदी तक असर पड़ा है।
गर्मी का पशुओं पर पडा है प्रभाव
डेरी संचालक ने बताया कि उनकी डेरी में ज्यादातर भैंसों का यही आलम हैैै। जो भैंस एक समय में 12 किलोग्राम दूध देती थी, अब गर्मी की वजह से वह घट कर 7 से 6 किलो तक आ गई है। इसके अलावा दूध की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। गर्मी (Heat waves) से काफी नुकसान हो रहा है।
आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) के निदेशक डॉ. धीर सिंह ने कहा कि डेयरी पशुओं में गर्मी का तनाव तब होता है जब वे पर्यावरण में खोई जाने वाली गर्मी से अधिक गर्मी पैदा करते हैं और अवशोषित करते हैं। पशुओं पर गर्मी के तनाव के शारीरिक प्रभावों को समझाते हुए उन्होंने कहा, “वे सुस्त और निष्क्रिय हो जाते हैं। वे अक्सर अपने सिर को नीचे झुकाकर खड़े रहते हैं और श्वसन दर और शरीर के तापमान में वृद्धि दिखाते हैं
जौं का आटा और जौं का दाना आदि खुराक भी इस तरह की दी जाती है कि पशु को गर्मी से कुछ राहत मिल सके। गर्मी के कारण दूध का उत्पादन लगातार घट रहा है। उत्पादन कम होने से दूध महंगा हो गया है।
किसानों ने दूध उत्पादन में 5 से 10 प्रतिशत की कमी की सूचना दी है, जिसका कारण डेयरी पशुओं में तनाव बढ़ना बताया जा रहा है।
उत्पादन में यह गिरावट दूध (heat waves) की कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की चिंताएं बढ़ सकती हैं। गर्मी के कारण तनाव के प्रभावों को कम करने के लिए किसान पशुधन शेड में पंखे और कूलर लगाने का सहारा ले रहे हैं।
दूध हुआ महंगा: डेरी में मार्च के अंत तक जो दूध 55 रुपये किलो के आसपास था, वह अब 60 रुपये किलो तक पहुंच गया है। दूध के घरेलू उत्पादन में कमी आई है, मदर डेयरी के दूध और अमूल दूध की भारी बिक्री हो रही है। इनके रेट भी समय समय पर बढ़ते रहते हैं।
जौं का आटा और जौं का दाना आदि खुराक भी इस तरह की दी जाती है कि पशु को गर्मी से कुछ राहत मिल सके। गर्मी के (Heat Waves) कारण दूध का उत्पादन लगातार घट रहा है। उत्पादन कम होने से दूध महंगा हो गया है।