Gopashtami: गौमाता की पूजा की क्या है परंपरा, जानिए गौ-सेवा से कैसे दूर होती हैं ग्रह दोष

https://best24news.com/
https://best24news.com/
गोशालाओ में मनाया गया गोपाष्टमी का पर्व, गो भगतों ने किया दान Gopashtami: हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है। गाय पूजनीय है, यही वजह है कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कस्बे की नंदू गोशला व देवकी गोशलाा में भगवान कृष्ण और गायों की पूजा की गई। इस मौके पर गो भगतो मे गौशला में दान व सहयोग किया गया। Gopashtami मान्यता है कि गोपाष्टमी पर गाय की पूजा करने से 33 कोटि देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। गोपाष्टमी के मौके पर लोग बड़ी संख्या में गौशालाओं में पूजा करने पहुंचे।Gopashtami गौशाला में पहुंचे भक्त, किया दान: लोग गाय को रोटी-गुड़, हरा चारा समेत घर से बनकर मीठे पकवान खिलाते रहे। गौशाला में गाय की पूजा करने पहुंचे सुनील वर्मा ने बताया कि वह गाय को बहुत पूजनीय मानता हैं। आज गोपाष्टमी के दिन भगवान कृष्ण और गाय की पूजा की गई।Gopashtami
Gopashtami:  गौमाता की पूजा की क्या है परंपरा, जानिए गौ-सेवा से कैसे दूर होती हैं ग्रह दोष
Gopashtami: गौमाता की पूजा की क्या है परंपरा, जानिए गौ-सेवा से कैसे दूर होती हैं ग्रह दोष
उनके घर में शुरू से पहली रोटी गाय के लिए बनाई जाती है। वहीं देवकी गोशला के संयोजक Aswani sain  ने बताया कि कि गाय को मानने वाले के लिए आज बहुत अहम दिन है। सुबह से दानी सज्जन गौशाला में हरे चारे और दान देने की सेवा करने आ रहे हैं।  

गोपाष्टमी के उपाय -जानिए गौ-सेवा से कैसे दूर होती हैं ग्रह दोष 

  •  गाय को चारा खिलाना: इस दिन गाय या बछड़े को हरा चारा खिलाने से दांपत्य जीवन में सुख आता है और जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  •  गाय की परिक्रमा करना: गोपाष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण और गाय माता की परिक्रमा करने से भाग्योदय होता है और जीवन में शांति मिलती है।
  •  ग्वालों को तिलक लगाना: इस दिन ग्वालों को तिलक लगाना और उन्हें दान देने से संतान सुख और जीवन में शांति मिलती है।
    गाय की प्रतिमा रखना: घर में गोपाष्टमी के दिन गाय की प्रतिमा रखने से अन्न और धन की कमी नहीं होती है और आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
    गाय के चरणों की धूल लगाना: गाय के चरणों की धूल को माथे पर लगाने और सूर्यास्त के बाद गाय की पूजा से जीवन में सफलता मिलती है।
        गो माता के जयकारों से गूंजा देवकी गोउपचार शाला: धारूहेड़ा:  बाबा झेरिया मन्दिर स्थित देवकी गोउपचार शाला  धारूहेड़ा  (Dharuhera news) में महिलाओं द्वारा कीर्तन और गौ माता की पूजा अर्चना परिक्रमा की। इस मौेके पर बडी संख्या में श्रद्धालु व गौ सेवक पहुंचे गो माता की आरती के साथ कार्यक्रम समापन किया गया । देवकी गोउपचार शाला के संयोजक अश्वनी सैन ने बताया कि गौशला में जिसमे खीर का प्रसाद वितरण किया गया । आज गोपाष्टमी पर्व पर कार्यक्रम में पधारे आगुंतकों व गौ सेवक समाज सेवियों को श्री कृष्ण भगवान व गौ माता की प्रतिमा भी भेट की गई । गौ भगतो ने गोशाला में खूब दान व सहयोग किया। इस मौके पर शुकंत, प्रेमलता, मधु यादव, बिना शोर्या, सरोज, धरमू जांगिड, डॉक्टर सुनील सोनी, मनोज शर्मा, वरुण मिश्रा , मोनू यादव, अभिमन्यु, अमन जैलदार, अक्षय,विकास,गोपाल, विक्की, संजय,विजय,गोला, गोविन्द पंडित, सौरव, करन,मोनू,संदीप आदि गौ सेवक मौजूद रहे। धारूहेड़ा: देवकी गोशाला में गोमाता की पूजा करते हुए