खुशखबरी: रेवाड़ी में 13.96 करोड़ लागत से बनेगा इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, टेंडर की प्रक्रिया शुरू
रेवाड़ी: रेवाडी में नए बस स्टैंड की जमीन पर कब्जा हटाने के बाद इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को उम्मीद जल्द ही पूरी होने वाली है। इसी को लेकर टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। रेवाडी में इलेक्ट्रिक बसों के लिए 13.96 करोड़ से लागत से चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा।कोसली, रेवाड़ी और बावल के आठ गांवों में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा-जनसंवाद आज, देखिए शेडयूल ?
शुरूआत में मिलेगी 50 इलेक्ट्रिक बसें
रेवाड़ी डिपो को 50 इलेक्ट्रिक बसों की खेप मिलने वाली है, जिस वजह से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इनकी खरीद प्रक्रिया भी चल रही है। संभावना है कि जून में रेवाड़ी डिपो को इन बसों की खेप मिल जाएगी। भविष्य में इन बसों की संख्या 150 तक करने की संभावना है।
राज्य सरकार ने यात्रियों की सुविधा को लेकर बातचीत के बाद बीच का रास्ता निकालते हुए बेड़े में जल्द इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का आश्वासन दिया था। इसको देखते हुए राज्य सरकार की ओर से एनसीआर के चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत गुरुग्राम-फरीदाबाद के साथ रेवाड़ी को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया था।
170 लगेंगे चार्जिंग स्टेशन
रोडवेज की तरफ से नए बस स्टैंड परिसर में 90 गज जमीन पर चार्जिंग पॉइंट्स बनेंगे और तीन एकड़ जमीन पर पूरा यह स्टेशन होगा। यहां पर बनने वाली बिल्डिंग में 170 के लगभग चार्जिंग पॉइंट लगाए जाने की क्षमता तय की गई है। चार्जिंग पॉइंट के लिए रैकनुमा मशीन होंगी जिनको ऑन करने के बाद बसों को बिल्डिंग के बाहर खड़ी करके चार्ज किया जाएगा। इससे एक बार में ही सभी बसों को चार्ज किया जा सकेगा।Rewari ITI में हकों के बारें में किया जागरूक
10 साल तक कोर्ट में चला केस
पुराने बस स्टैंड को स्थानांतरित करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर वर्ष 2011 में लगभग 20 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसके बाद मुआवजे को लेकर मामला अदालत में चला गया था।हरियाणा में पड़ेगी कड़ाके की ठंड, कोहरे को लेकर अलर्ट, जानिए मौसम विभाग की ताजा अपडेट
50 साल पुराना है बस स्टैंड
मौजूदा बस स्टैंड वर्ष 1973 में बनकर तैयार हुआ था। इसके बाद से ही डिपो लगातार उपेक्षा का शिकार बना रहा है। बस स्टैंड भीड़ वाले इलाके में स्थित है और इसका भवन जर्जर हो चुका है। बरसात के समय बस स्टैंड के भवन का प्लास्टर तक गिरता रहता है।