Haryana News: पुणे के 52 वर्षीय व्यक्ति को चौथी बार ओपन-हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक होने के बाद नया जीवन मिला है। यह हाई रिस्क ऑपरेशन 12 अगस्त को अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद में किया गया। इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट और एडल्ट कार्डियक सर्जरी प्रमुख डॉ. समीर भाटे ने किया।Amrita Hospital Faridabad

मरीज लंबे समय से रूमैटिक हृदय रोग से पीड़ित थे। पिछले दो दशकों में वे तीन बार हार्ट सर्जरी करा चुके थे, जिसमें माइट्रल और एओर्टिक वाल्व बदले गए थे। दिसंबर 2024 में दोबारा लक्षण दिखने पर डॉक्टरों ने उन्हें चौथी बार ऑपरेशन की सलाह दी। हालांकि पुणे में कई विशेषज्ञों ने सर्जरी के अत्यधिक जोखिम को देखते हुए मना कर दिया था। अंततः अमृता हॉस्पिटल की टीम ने चुनौती स्वीकार की और सफल ऑपरेशन किया।
सर्जरी से जुड़ी मुख्य चुनौतियां
मरीज का एओर्टिक बायोलॉजिकल वाल्व खराब हो गया था, जिसे बदलने के लिए बेंटाल सर्जरी करनी पड़ी। इसमें एओर्टिक वाल्व और एसेन्डिंग एओर्टा को बदलने के साथ कोरोनरी आर्टरीज़ को फिर से जोड़ना शामिल होता है।Amrita Hospital Faridabad
कई बार ऑपरेशन हो चुके होने के कारण हृदय की संरचना असामान्य हो चुकी थी, जिससे स्टैंडर्ड बायपास शुरू करना कठिन था। सर्जनों ने पेट की धमनियों और नसों को खोलकर बायपास शुरू किया।
ऑपरेशन के दौरान एक धमनी फट गई, जिसे कोरोनरी आर्टरी बायपास से ठीक किया गया।
अधिक रक्तस्राव की संभावना को देखते हुए मरीज की छाती 24 घंटे तक खुली रखी गई और सावधानीपूर्वक पैक करने के बाद अगले दिन बंद किया गया।Amrita Hospital Faridabad

Amrita Hospital Faridabad सर्जिकल टीम का योगदान
इस उपलब्धि को केवल एक ऑपरेशन नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की सफलता माना जा रहा है। डॉ. समीर भाटे के नेतृत्व में कार्डियक एनेस्थेटिस्ट्स की टीम—डॉ. धीरज अरोड़ा, डॉ. श्वेता पांसे, डॉ. राहुल मारिया, डॉ. राजेश पांडे और डॉ. प्रभात चौधरी—ने अहम भूमिका निभाई। इसके साथ ही नेफ्रोलॉजी, इंफेक्शियस डिजीज़, यूरोसर्जरी, पर्फ्यूज़न और नर्सिंग टीमों ने भी सर्जरी को सफल बनाने में योगदान दिया।
मरीज ने कहा कि उन्हें चौथी सर्जरी की उम्मीद नहीं थी, लेकिन अमृता हॉस्पिटल और डॉक्टरों की कुशलता के कारण उन्हें जीवन का दूसरा मौका मिला। 21 अगस्त को डिस्चार्ज होने के बाद वह अब स्वस्थ होकर अपने घर पुणे लौट चुके हैं।Amrita Hospital Faridabad

















