IAS Nurpur Success Story: पांच बार फेल, फिर भी नहीं मानी हार, जानें IAS नूपुर की सफलता का राज
IAS Success Story: लगातार 5 बार IAS परीक्षा के असफल होने बाद लोग अपना इरादा ही बदल लेते है। लेकिन दिल्ली के नरेला की रहने वाली नूपुर गोयल आखिरी बार आईएएस सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक 11वीं रैंक हासिल करने का रिकार्ड बनाया है।रेवाडी किसान क्लब के अध्यक्ष बने भूपेंद्र सिंह
पुरानी कहावत है कि मन मे हारे हार, मन मे जीते जीत! छह बार हारने के बावजूद विश्वास था कि उसे सफलता जरूरी मिलेगी। बस इसी उम्मीद के सहारे नूपुर गोयल की नैया पार हो ही गई।
दिल्ली के नरेला की रहने वाली नूपुर गोयल हमेशा से डीटीयू से बी.टेक में स्नातक और लोक प्रशासन में मास्टर एमए करने के बाद आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं। इसी के चलते आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी करने का फैसला किया
Mini Airport : हरियाणा के इन जिलो में बनेगे मिनी एयरपोर्ट
अपने कॉलेज के अंतिम वर्ष में, नूपुर ने 2014 में अपनी आईएएस परीक्षा का पहला प्रयास करने का फैसला किया। जिसके लिए, उन्होंने सभी स्तरों को पार किया और साक्षात्कार के दौर तक गईं। लेकिन दुर्भाग्य से, नूपुर अंतिम कट-ऑफ में जगह नहीं बना सकीं ।
अंतिम प्रयास में मिली सफलता: नूपुर का कहना है किसी भी कार्य को करने के लिए विश्वास सबसे बडी ताकत होती है। इसी ताकत ने उसी जीत दिलाई है। हालांकि पांच बार निराशा से वह टूट चुकी थी, लेकिन विश्वास की चिंगारी से उसे पीछे नहीं हटने दिया।
बहुत कुछ सिखता है असफलता: उन्होंने बताया कि कई बार सफलता मिलने में बहुत देर लगती है, ऐसे में परेशान न हों बल्कि देखें कि कमी कहा है। अपनी कमियों को स्वीकारिये और उन्हें सुधारिये का प्रयास करे जरूर सफलता मिलेगी।
हालांकि जब पूरे साल की मेहनत के बाद रिजल्ट आता है और हम देखते हैं कि चयन नहीं हुआ तो इसे सहना आसान नहीं होता पर आपके पास आगे बढ़ने के सिवाय कोई विकल्प भी नहीं होता। इसी लिए उसके एक सलाह दी है कि बिना रूक निंरतर प्रयास करना चाहिए।