दिल्ली: ईपीएफओ की ओर से ज्यादा पैंशन देकर भले की कर्मचारियो को सरकार लुभा रही है। लेकिन दूसरी ओर प्राइवे नौकरी करने वाले करोड़ों लोगों को एक बड़ा झटका लगने वाला है। पीएफ पर ब्याज को चालू वित्त वर्ष के लिए और कम किया जा सकता है।
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पीएफ पर मिलने वाले ब्याज (Interest Rate on PF) की दर को लेकर इसी महीने फैसला होने जा रहा है। जहां अभी पहले से ही पीएफ पर 43 साल में सबसे कम ब्याज मिल रहा है। वहीं इसके ब्याज को ओर भी कम करने की योजना बनाई जा रही है।
सात करोड कर्मचारी को झटका
अभी ईपीएफओ में सात करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं अभी पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर कई दशकों के सबसे निचले स्तर पर है।
ईपीएफओ की ब्याज दर पर एक नजर
2018-19 : 8.65
2019-20 : 8.50
2020-21 : 8.50
2021-22 : 8.10
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ब्याज हो सकता 8 फीसदी
अब बताया जा रहा है कि ईपीएफओ की बैठक 25-26 मार्च को होने वाली है, जिसमें ब्याज के बारे में निर्णय लिया जा सकता है। पीएफ पर ब्याज को अब और घटाकर 8 फीसदी किया जा सकता है।
जानिए कहा पैसा होता है ये इंवेस्ट
आपको बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ पीएफ खाताधारकों के खाते में जमा होने वाली रकम को कई जगहों पर इन्वेस्ट करता है। इस इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई के एक हिस्से को ब्याज के रूप में खाताधारकों को रिटर्न दिया जाता है।
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अभी ईपीएफओ 85 फीसदी हिस्सा डेट ऑप्शंस में इन्वेस्ट करता है, जिनमें सरकारी सिक्योरिटीज और बॉन्ड भी शामिल हैं। बाकी के 15 फीसदी हिस्से को ईटीएफ में लगाया जाता है।
समय पर नही मिलता ब्याज: सरकार ब्याज देने को लेकर हमेशा ही कर्मचारियो के साथ छल कपट की निति अपनाती रही है। जहां बैंको मे लोन पर ब्याज तो हर साल बढाया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियो की खून पसीने की कमाई का ब्याज पिछले 43 साल को कम ही होता आ रहा है। सबसे अहम बात यह भी है कि ब्याज कभी भी समय पर नही दिया जाता है।