रेवाड़ी: विश्व सनातन धर्म सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथामृत के दूसरे दिन पहली बार जगन्नाथ पुरी से रेवाड़ी पधारे जगन्नाथ संस्कृति के प्रकांड विद्वान एवं भविष्य मालिका पुराण के रचयिता परम पूज्य डॉ. पंडित काशीनाथ मिश्र को सुनने के लिए पांडाल भक्तों से खचाखच भर गया और अग्रवाल भवन जय श्री माधव और जय जगन्नाथ के जयकारों से गूंज उठा।
कथा प्रवचन से पूर्व पंडित काशीनाथ मिश्र ने दारू ब्रह्म (विग्रह) स्वरूप श्री जगन्नाथ जी, बलभद्र जी, माता सुभद्रा जी व सुदर्शन के चरणों में वंदन किया।
इस अवसर पर डॉ. पंडित काशीनाथ मिश्र ने अपनी दिव्य वाणी में प्रवचन करते हुए कहा कि आज सारा विश्व देख रहा है कि धरती एक बड़े परिवर्तन की ओर जा रही है और परिवर्तन ऐसा है, जिसमें मानव सभ्यता के लिए बहुत सारी आपदाएं और मुसीबतें आ रही हैं।
इस परिवर्तन का कारण युग परिवर्तन हो चुका है। अब सत्ययुग आने वाला है। युग संधि के समय पर ऐसा होता है, जिस कारण से आज धरती पर ऐसा समय आ रहा है। इस समय पर मानव लोगों के उद्धार के लिए उड़ीसा की अति पावन जगन्नाथ संस्कृति की परंपरा में एक अक्षय ग्रंथ की रचना हुई।
उन्होंने कहा कि भविष्य मालिका ग्रंथ सनातन धर्म का आखिर और अंतिम शास्त्र है, जिसकी रचना उड़ीसा की अति पावन भूमि में भगवान के नित्य पंचसखा द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि सारे विश्व में जितने भी धर्म हैं, जितने भी पंथ हैं, कहीं पर भी कोई ऐसा ग्रंथ नहीं है, जिसमें मानव सभ्यता के उद्धार धरती पर मानव सभ्यता की सुरक्षा के लिए कोई रचना की गई हो। इस पवित्र ग्रंथ में मानव सभ्यता की सुरक्षा तथा उद्धार और भगवान कल्कि को प्राप्त करने के लिए जो सनातन धर्म का परम तत्व है, उसकी रचना की गई है।
डॉ. मिश्र ने कहा कि अगर मानव सभ्यता अपना उद्धार चाहती है और आगे बढ़ना चाहती है तो भविष्य मालिका ग्रंथ को जरूर पढ़ें और इस ग्रंथ का परम तत्व मानव सभ्यता के कल्याण के लिए बांटें, जिससे मानव सभ्यता एक सुंदर, पवित्र, शुद्ध, शक्तिशाली, सनातन मानव सभ्यता बन पाए और मानव सभ्यता का आने वाली आपदाओं से उद्धार हो पाए।
उन्होंने कहा कि भविष्य मालिका में कलियुग के अंत, कल्कि अवतार के आगमन और सत्ययुग की शुरुआत के विषय में विस्तार से बताया गया है। इसे भक्तों का मार्गदर्शन करने और इस परिवर्तन काल में उन्हें एकजुट करने के उद्देश्य से लिखा गया था। इसके अनुसार, संसार के सभी धर्मों और संप्रदायों में सुधार होगा और संपूर्ण मानवता शाश्वत सनातन धर्म के अंतर्गत एकजुट होगी, जिससे वर्ष 2032 में सत्ययुग की शुरुआत होगी।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक नवीन भुराड़िया ने कहा कि धर्म अनुयायियों के लिए यही वो अवसर है, जब हम माधव नाम जपकर जगन्नाथ महाप्रभु के साक्षात दर्शन कर सकते हैं और अपना व अपने परिवार का उद्धार कर सकते हैं। इसलिए अपने जीवन को कृतार्थ करने के लिए इस धार्मिक अनुष्ठान में जरूर बढ़ चढ़कर भाग ले।
इस अवसर पर नानक चंद भुराड़िया, सतीश भुराड़िया, रीतू भुराड़िया, खेमचंद सैनी, ललित सैनी, राकेश गुप्ता, मनोज कुमार, नौबत यादव, तुलसी राम, नरेश कुमार गर्ग, बबीता राठी, सरस्वती देवी, पूनम, संजना, सोनिया, रीतू झवर, नम्रता परवाल, प्रियंका के अलावा शिव कावड़ संघ के तमाम पदाधिकारी व सदस्यों सहित भारी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे और कार्यक्रम में अपनी आहुति दी।

















