ELECTION COMMISSION हुआ फुल डिजिटल, न अखबार, न ही टीवी, अब एक क्लिक पर पढे पूरी चुनावी डिटेल्स

ELECTION MOBILE APPS

ELECTION COMMISSION: केंद्र सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ राह पर चलते हुए चुनाव आयोग भी अब पूरी तरह से डिजिटल हो गया है. इसी के चलते चुनाव आयोग ने इस लोकसभा चुनाव के लिए अब तक कुल 20 मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च किया है.

देश में लोकसभा चुनाव इसी साल होने है. जहां एक ओर राजनीतिक पार्टियां इसे लेकर पूरी तरह से तैयार हैं, वहीं चुनाव आयोग भी चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

लोकसभा चुनाव की लहर पूरे देश में तेजी से चल रही है। आज देश में होने वाले चुनावों की तारीख भी सामने आ गई है। ऐसे में कुछ ऐसे ऐप्स भी हैं जो चुनाव से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी शिकायत परमिशन और यहां तक की आपके नेताओं की जानकारी को आप तक डायरेक्ट पहुंचा सकते हैं।

भारत के चुनाव आयोग ने इस अवसर का उपयोग किया है और 20 ऐप्स का एक सूट विकसित किया है जो पंजीकरण से परिणामों तक चुनावी प्रणाली के विशाल पहिये को चलाने के लिए एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है.

चार साल बाद वर्ष 2019 में हुए आम चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने भी अपने आप को डिजिटल किया। चुनावों में 4 तकनीकी चरण होते हैं जहां इन अनुप्रयोगों के पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग किया जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आयोग के द्वारा लॉन्च की गईं एप्स कौन सी हैं और उनके क्या काम हैं.

1. cVigil ऐप: चुनाव आयोग द्वारा डिज़ाइन इस मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक सीधे चुनाव संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट कर सकता है. यह व्यापक रूप से उपलब्ध है, उपयोग में आसान है, प्रशासकों के लिए कानूनी रूप से मान्य और मुकदमा चलाने योग्य जानकारी उत्पन्न करती है.

2. उम्मीदवार सुविधा ऐप: उम्मीदवार सुविधा पोर्टल या ईसीआई के विशेष उम्मीदवार ऐप जिसे कैंडिडेट सुविधा ऐप कहा जाता है, का उपयोग करके अपनी जांच स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं.

3. Candidate Affidavit पोर्टल: उम्मीदवार के वित्त, संपत्ति और उनकी देनदारियों के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के लिए चुनाव आयोग की तीसरी ऐप उम्मीदवार शपथ पत्र पोर्टल है. शपथ पत्र पोर्टल https://affidavit.eci.gov.in/ पर उपलब्ध होते हैं. शपथ पत्र की ये सुविधाएं वोटर हेल्पलाइन ऐप पर भी उपलब्ध हैं. प्रत्येक उम्मीदवार का मूल शपथ पत्र पीडीएफ प्रारूप में यहां से डाउनलोड किया जा सकता है.

4. केवाईसी: इसके माध्यम से कोई भी नागरिक अपने क्षेत्र के प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है. मतदाताओं को यहां से इस बात की जानकारी मिल जाती है कि उनके पसंदीदा प्रत्याशी पर कोई आपराधिक मुकदमा चल रहा है या नहीं.

 

 

05. मतदाता सेवा पोर्टल: यह मोबाइल एप्लिकेशन ईसीआई के लिए पांच डेटाबेस को एक साथ जोड़ता है, जिससे नागरिकों के लिए निर्बाध सेवाएं प्रस्तुत होती हैं. मतदाता अपना नाम, मतदान केंद्र, मतदाता कार्ड में विवरण और चुनाव कार्यक्रम भी सत्यापित कर सकते हैं.

05. वीएचए: वोटर हेल्पलाइन ऐप से वोटर से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए बूथ लेवल अधिकारी, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों की जानकारी मिलती है.

07. सक्षम ऐप: चुनाव आयोग द्वारा यह ऐप खासतौर पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए बनाई गई है.

08. बीएलओ ऐप: यह ऐप बीएलओ को उनके कार्यों को डिजिटल तौर पर पूरा करने में मदद करती है. इस ऐप को पहले गरुड़ ऐप के नाम से भी जाना जाता था.

 

 

9. EMS 2.0: इसे ईवीएस मैनेजमेंट सिस्टम 2.0 के तौर पर जाना जाता है, जो ईवीएम की सूची का प्रबंधन करने के लिए डिजाइन की गई है.

 

10. एरोनेट: यह निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक वेब-आधारित प्रणाली है, जोकि 14 भाषाओं और 11 स्क्रिप्ट में उपलब्ध है. मतदाता सूची के स्वास्थ्य में सुधार, नए मतदाता पंजीकरण और रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.

11. एनजीएसपी: इसकी अनूठी विशेषता यह है कि यह सभी जिलों और राज्य मुख्यालयों में उपलब्ध है, लेकिन वे सभी आईसीटी एप्लिकेशन की एक सामान्य रीढ़ से जुड़े हुए हैं, जिसे राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल कहा जाता है.

12. ESMS: यह पोर्टल चुनाव को रिश्वत, प्रलोभन मुक्त बनाने के लिए है, जिसे चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली के नाम से जाना जाता है.

13. IEMS: इस प्रणाली के माध्यम से प्रत्याशी या राजनीतिक दलों द्वारा किए जा रहे खर्चों पर नजर रखी जाती है, जिसे एकीकृत चुनाव व्यय निगरानी पोर्टल कहा जाता है.

14. चुनाव प्लालिंग पोर्टल: चुनाव प्रबंधन के लिए चुनाव आयोग की ओर से डिजिटल सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इन सुविधाओं में प्रबंधन, उप-चुनाव, चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण पहलू, अवकाश प्रबंधन, सुरक्षा आदि शामिल है.

15. मीडिया वाउचर ऑनलाइन: कुशल चुनाव प्रणाली प्रबंधन में डिजिटल मीडिया वाउचर उपलब्ध कराया जाता है, जिसकी मदद से ‘गो ग्रीन’ की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलती है.

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16. ईटीपीबीएमएस: यह सुविधा सर्विस वोटरों द्वारा भेजे गए इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे गए मतपत्र प्रबंधन के लिए हैं.

17. वोटर टर्नआउट ऐप: इस ऐप के माध्यम से लोकसभावार हुए मतदान के विवरण की जानकारी हासिल की जा सकती है.

18 एनकोर पोर्टल: भारत के चुनाव आयोग ने ENCORE नामक सॉफ्टवेयर के माध्यम से संपूर्ण उम्मीदवार और चुनाव प्रबंधन के लिए इन-हाउस सॉफ्टवेयर डिजाइन किया है, जिसका मतलब वास्तविक समय के वातावरण पर संचार सक्षम करना है. यह रिटर्निंग अधिकारी को उम्मीदवार के नामांकन, हलफनामे, मतदाता मतदान, गिनती, परिणाम और डेटा प्रबंधन की प्रक्रिया के लिए निर्बाध सुविधा प्रदान करता है.

19. रिजल्ट ट्रेंड टीवी: रिजल्ट ट्रेंड्स टीवी एक अनुकूलन योग्य ऑटो-स्क्रॉलिंग पैनल है, जो वास्तविक समय में परिणाम प्रदर्शित करता है. इन्हें मतगणना केंद्रों, सार्वजनिक स्थानों के बाहर स्थापित किया जाता है और परिणामों की निगरानी करने वाले अधिकारियों के लिए एक मानक मॉनिटर के रूप में भी उपयोग किया जाता है.

20. Observer पोर्टल: पर्यवेक्षक की तैनाती अनुसूची, रिपोर्ट सबमिशन और कई अन्य गतिविधियों के लिए इस पोर्टल की मदद ली जाती है.

चुनाव आयोग में नए ऐप्स के पारिस्थितिकी तंत्र, विशेष रूप से मोबाइल ऐप्स ने चुनावों में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. मोबाइल ऐप बेहतर वैयक्तिकरण, सूचनाएं भेजने में आसानी, मोबाइल-विशिष्ट सुविधाएं जैसे कैप्चर करने के लिए कैमरा, संपर्क सूची तक पहुंच, भौगोलिक नेविगेशन सिस्टम, फोन कॉल, एक्सेलेरोमीटर, कंपास और ऑफ़लाइन काम करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे यह मतदाताओं और चुनाव अधिकारियों के लिए अधिक यूजर फ्रेंडली बन जाता है.