Haryana Chirag Yojana: निजी स्कूलों में मुक्त में करे पढाई, जानिए कैसे मिलता है दाखिला ?

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Haryana Chirag Yojana 2024: हरियाणा शिक्षा विभाग ने नियम-134ए को समाप्त करके हरियाणा चीराग योजना 2024 शुरू की है, जिसके तहत राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर और कम आय वाले छात्रों को निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलेगा।

 

सत्र 2024-25 के लिए हरियाणा चिराग योजना का नोटिस जारी किया गया है। इस योजना के तहत आप अपने बच्चे को किसी भी निजी स्कूल में मुफ्त में दाखिला दिला सकते हैं। इस न्यूज के माध्यम से हम बताएंगे कि ये योजना क्या है, इसका लाभ कौन ले सकते है तथा इसके लिए कैसे अप्लाई करेंं

 

जानिए क्या है चिराग योजना :हरियाणा सरकार की ओर से चिराग योजना के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को राज्य सरकार द्वारा निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है। जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है, वे ही इस योजना का लाभ ले सकतेहै।

हरियाणा का स्थाई होना जरूरी: इस योजना के तहत तीसरी से बारहवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाती है। यदि आप भी हरियाणा के निवासी हैं और इस योजना के तहत अपने बच्चों को किसी निजी स्कूल में दाखिला दिलवाना चाहते हैं, तो नए सत्र 2024-25 के लिए आवेदन करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है।

CHIRAG YOJANA

 

चिराग योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

  • यदि आप हरियाणा के निवासी हैं और चिराग योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं, तो पहले आपको नीचे दिए गए आवेदन पत्र को डाउनलोड करना होगा।
  • उसके बाद, आपको फॉर्म का प्रिंट लेना होगा और उसमें मांगी गई जानकारी भरनी होगी।
  • फॉर्म को उस स्कूल में जमा करना होगा जहाँ आप आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न करके अपने बच्चे को भर्ती कराना चाहते हैं।
  • इसके पास परीक्षा होगी तथा टॉप रहने वाले बच्चो को सीट के हिसाब से दाखिला दिया जाएगा।

 

चिराग योजना लाभ: चिराग योजना के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों को निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिले की सुविधा दी जाती है । हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हरियाणा चिराग योजना 2024 के तहत, लाभार्थियों की निजी स्कूल शिक्षा शुल्क का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। यानि अभिभावक कोई फीस नही देनी होती है।

हरियाणा सरकार ने नियम-134ए को समाप्त कर दिया है तथा अब चिराग योजना को शैक्षणिक सत्र में लागू किया है। जिसका उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को सहायता प्रदान करना है।