E Highway: बिना पेट्रोल-डीजल दौडेंगी गाड़ियां, जानिए कहां बनेगा हिंदुस्तान में ई हाईवे

E HIGHWAY
E High, Best24News: देशभर में इलेक्ट्रिक हाइवे को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है और हर कोई जानने को उत्सुक हैं कि आखिर ये इलेक्ट्रिक हाइवे क्या है। ये कहा बनेगा। सबसे पहले इसका फायदा किनको मिलेगा।Haryana: महिला ने 25 दिन बाद तोडा दम, रेवाडी में झूले से गिरकर हुई थी घायल बता दे कि हरियाणा-राजस्थान को सबसे पहले ई हाईवे (E Highway) की बडी सौगात मिलने वाली है। इस दोनो राज्यो में सबसे पहले ई हाईवे बनाया जाएगा। हाईवे बनने वाहन चालको को न तो पेट्रोल-डीजल की डलवाने की जरूरत होगी तथा ही चाजिंग की। आइए हम आपको बताते है ऐसा कैसे संभव है।जल्द ही भारत में भी आपको ऐसी सुविधा मिल जाएगी।बता दे कि इलेक्ट्रिक हाइवे की अलग लेन बनाई जाती है जिसके ऊपर बिजली की तारें (पावर लाइंस) लगी होती हैं और जो रास्ते भर भारी वाहनों को बिजली सप्लाई करती हैं। हरियाणा सरकार मकान की मरम्मत के लिए दे रही हैं 80 हज़ार रुपए, जानिए कैसे ले इसका लाभ वाहनों को चार्ज देने का एक और तरीका यह है कि सड़क के नीचे ही इलेक्ट्रिक केबल और इलेक्ट्रोमैगनेटिक ट्रांसमिटर्स लगा दिए जाएं। ये इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड बनाएंगे और यही ऊर्जा वाहन में लगी एक खास कॉयल द्वारा खींच ली जाएगी जिससे वाहन में लगी बैटरी चार्ज होगी। इस तरीके से छोटे वाहनों जैसे कारों को भी इलेक्ट्रिक हाइवे पर दौड़ाया जा सकता है। भारत में बनने ई-हाईवे पर इस्तेमाल होने वाली बिजली सौर ऊर्जा से बनाई जाने की उम्मीद है।
इस रूट पर बनेगा इलेक्ट्रिक हाईवे?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि उनका सपना है कि दिल्ली-जयपुर के बीच ई-हाईवे का निर्माण किया जाए। ये एक प्रस्तावित परियोजना है और इस पर एक विदेशी कंपनी से बात की जा रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय दिल्ली-मुंबई के बीच पहला इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने की तैयारी कर रही है। पहला ई-हाईवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बनाया जाएगा और इसके लिए एक अलग लेन बनाई जाएगी। इस मार्ग के बनने हरियाणा व राजस्थान को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
क्या होगा इस का फायदा
यदि सौर ऊर्जा संचालित इलेक्ट्रिक हाइवे का निर्माण सरकार करती है तो सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि देश की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता बहुत हद तक कम हो जाएगी। पेट्रोलियम पदार्थों पर होने वाले खर्चे में भारी कमी देखने को मिल सकती है। इसके अलावा प्रदूषण भी कम होगा।