उचित उपाय नही किया तो दिवाली पर फिर दम घोटेगा प्रदूषण
Diwali AQI, Best24News
धारूहेड़ा: मौसम बदलने की साथ ही हवा की गुणवत्ता भी धीरे धीरे खराब होने लगी है। जैसे जैस अक्टूबर बीत रहा है तो रात में तापमान भी गिरावट आने से प्रदूषण भी तेजी से बढ़ने लगा है ।प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानि ग्रेप तो लागू कर दिया है लेकिन विभागों के पास कोई तैयारी ही नहीं है।
धारूहेड़ा कस्बे में एक बार फिर एक्यूआई गंभीर होता जा रहा है। दीपावली पर आतिशवाजी होने धान उत्पादकों की ओर से पराली जलाने से प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकता है। नगर पालिका की ओर से ग्रेप लागलू होने के बावजूद धूल उड़ाने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव भी शुरू नहीं किया है।
पिछले 3 वर्ष की अगर आंकडो बात करें तो दीपावली की रात को एयर क्वालिटी इंडेक्स हर बार ही खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। प्रतिबंध के बावजूद आतिशबाजी के कारण जहरीले गैसे, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्सीजन उत्सर्जित होती है। इनकी हवा में मात्रा ज्यादा होने पर सांस लेने में परेशानी, आंखों व नाक में जलन तथा गले में खरास भी हो जाती है।
दीपावली के मौके पर पटाखे जलाने के लिए 2 घंटे मिलेगी छूट
वैसे तो पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। लेकिन जिला प्रशासन में अक्टूबर में वायु गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए बेरियम साल्ट वाले पटाखों के उत्पादन बिक्री, पटाखे बनाने पर रोक लगाई हुई है। इसी के चलते दीपावली की रात को 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाए जा सकते हैं। पटाखे की वजह से वायु प्रदूषण इंडेक्स और भी बढ़ सकता है।
शहर की सड़कों पर उड़ती धूल और मिट्टी के लगे ढेर
जगह-जगह अधूरी बड़ी सड़के उनसे उड़ती धूल
टूटी सड़क पर ट्रैफिक जाम लग जाना
औद्योगिक कचरा का निस्तारण नहीं होना
लैंडफिल से होने वाला रिसाव
घरेलू कूड़ा-कचरा निस्तारण नहीं होना
खुली जगह पर कूड़ा फेंकना
पालीथीन की थैलियाँ, प्लास्टिक के डिब्बे पडे होना
उपाय:
कूड़े-करकट के संग्रहण, निष्कासन एवं निस्तारण की व्यवस्था
कल-कारखानों से निकलने वाले सीवेज जल को मृदा पर पहुंचने से पूर्व उपचारित करना
नगर पालिका द्वारा अपशिष्ट का उचित निस्तारण
रासायनिक उर्वरको का उपयोग अधिक न किया जाए।
कीटनाशी, कवकनाशी एवं शाकनाशी आदि का उपयोग कम से कम किया जाए
आम जनता को प्रदूषण के दुष्प्रभावो की जानकारी दी जाए
पाबंदियों के बावजूद सिर्फ ग्रीन पटाखें ही बजाये जा सकते हैं। पटाखे को लेकर निगरानी और कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभागों को निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
हरीश शर्मा क्षेत्रीय अधिकारी हरियाणा राज्य प्रदूषण