Dipawali: दीपों का पर्व आज, जानिए दीपावली पूजन मुहूर्त का समय
रेवाड़ी: सुनील चौहान। कोरोना काल के बीच दीपों का उत्सव नया उत्साह और नई ऊर्जा लेकर आया है। बृहस्पतिवार को दीपावली के पावन त्योहार पर रात दीपों से जगमग होगी। मां लक्ष्मी के पूजन के साथ ही सुख समृद्धि की कामना की जाएगी। वहीं छोटी दीपावली पर बुधवार को बाजारों में खूब रौनक रही। त्योहार की खुशियों के साथ ही व्यापार में भी खुशियां आई है। मंदी का लंबे समय से सामना कर रहे व्यापारियों के यहां त्योहार पर ग्राहकी बढ़ी और व्यापार में तेजी आई।
दीपावली पूजन मुहूर्त: दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के तीन मुहूर्त होते हैं। इन्हें प्रदोष काल, निशीथ काल और महानिशीथ काल कहा जाता है। दीपावली पर सुबह के समय धनु लग्न रहेगा। व्यापारियों के लिए 9:51 बजे से पूजा करना फलदायी होगा। ज्योतिषाचार्य मुनेश उपाध्याय का कहना है कि इसमें दुकान, फैक्ट्री और उद्यमी पूजा कर सकते हैं। इसके बाद मेष लग्न शाम 4:27 बजे पर आएगा जो कि प्रदोषकाल तक 6:06 बजे तक रहेगा। इसके बाद वृष लग्न शुरू हो जाएगा जो कि 7:58 बजे तक रहेगा। यह लग्न स्थिर है इस लग्न में पूजन करने से लक्ष्मी स्थिर रहती हैं। इसके बाद मिथुन, कर्क व सिंह लग्न आएगा। इसके बाद मिथुन, कर्क व सिंह लग्न आएगी जो कि रात्रि 02:53 बजे तक रहेगा। प्रदोषकाल व गोधुली काल पूजा के लिए शुभ रहेंगे। ब्राह्मण द्वारा सर्वप्रथम स्वस्तिवाचन कलश पूजन संकल्प कराकर, श्रीगणेश-महालक्ष्मी, रिद्धी-सिद्धी, इंद्र, वरूण, कुबेर भंडरी, शक्तियों सहित ब्रह्मा, विष्णु, महेश और कुलदेवता स्थान देवता सूर्य आदि नवग्रह की पूजन अर्चन करवाना चाहिए। उसके बाद बही खाता कलम पूजन, रोकड़ पूजन, कंप्यूटर आदि का भी पूजन करना चाहिए।
दुकानदारों के चेहरों पर छाई खुशी: लंबे समय बाद दुकानदार, व्यापारी और कारोबारियों के चेहरों पर खुशी छाई हुई है। दीवाली की खरीदारी के साथ विवाह का सीजन भी आ गया है। इसके अलावा सर्दी का मौसम आरंभ होने के कारण लोग उसके अनुरूप खरीदारी कर रहे हैं। विभिन्न प्रकार के आफर का भी फायदा उठाते हुए लोग खरीदारी को तवज्जो दे रहे हैं। यही कारण है कि इस बार बाजार पूरी तरह से गुलजार हो गया है।
फूलों की बढ़ी मांग: दीवाली पर पूजा पाठ, साज-सज्जा और रंगोली बनाने के लिए फूलों की मांग काफी बढ़ गई है। फूल विक्रेता कई दिन पहले से फूलों का स्टाक रखे हुए हैं। मांग के अनुरूप फूलों की कीमत भी बढ़ने लगी है। बृहस्पतिवार को फूलों की और ज्यादा मांग बढ़ने की उम्मीद है।
प्रतिबंध के बावजूद मिल रहे हैं पटाखे: भले ही सरकार व प्रशासन ने पटाखों की बिक्री और बजाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है लेकिन इसपर पूरी तरह से रोक नहीं लग पाई है। पटाखे निर्धारित कीमत से कहीं अधिक में ब्लैक में मिल रहे हैं। बच्चे और युवाओं में पटाखों को लेकर काफी उत्साह है।
पांच नवंबर को है अन्नकूट: कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा होती है। यह गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत को समर्पित है। इस दिन गायों की पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र का मान मर्दन कर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
छह नवंबर को भैया दूज: कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को मान्यता के अनुसार यमी ने अपने भाई को बुलाकर तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना की थी। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इनसेट:
दीपावली पर खूब बढ़ा व्यापार:
दीपावली पर व्यापार में खूब बढ़ोतरी हुई। गिफ्ट गैलरियों से लेकर ज्वेलर्स शोरूम, वाहन शोरूम, इलेक्ट्रोनिक शोरूम में धनतेरस से ही खासी भीड़ उमड़ रही है। दीपावली निश्चित तौर पर हर वर्ग के लिए खुशियां लेकर आई हैं।