NGT: साहबी झील से 8 अप्रैल को लिए पानी के सैंपल फेल, जानिए अब क्या होगा?

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धारूहेडा: NGT की फटकार के बाजवूद धडल्ले से साहबी बेराज झील में दूषित पानी छोडा जा रहा है। न तो जन स्वास्थ्य विभाग तथा न ही हरियाणा शहरी प्राधिकरण सीवरेज के पानी को ट्रीट कर रहा है। पानी की सही स्थिति जानने के लिए सयुक्त् कमेटी ने 8 अप्रैल को लिए पानी का सेंपल लिए गए थे। जो एक बार फिर फैल हो गए है।

बता दे कि खरखडा के रहने वाले प्रकाश यादव ने मसानी बैराज में प्रदूषित पानी को लेकर एनजीटी 30 सितंबर को को शिकायत की। एनजीटी ने डीसी को कमेटी बनाकर दोबारा से सेंपल लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए थे। टीम ने 25 नवंबर को पानी के 10 सैंपल लिए थे। सारे सैंपल फैल मिले थे।

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टीम ने 8 अप्रैल को मसानी, खरखडा, निखरी, खिजूरी, रसगण, ततारपुर खासलस सहित 10 गांवो के पानी के सैपल लिए गए है। उनकी रिपोर्ट अब आई है। यह पानी भी पीने योग्य नहीं है।सबसे अहम बात यह है बार बार सैंपल फैल होने के बावजूद लापरवाही करने वालो विभाग पर कार्रवाई करने की बजाय दोबारा से सेंपल लेकर आम जनता को गुमराह किया जा रहा है।

पंचायत की चेतावनी का कोई असर नही: 25 गांवों के प्रतिनिधियों ने भी महापंचायत की थी। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। छोेडे जा रहे पानी से भूमिगत जल स्तर भी खराब हो चुका है।
धारूहेडा: साहबी बैराज झील जिसमे छोडा रहा है दूषित पानी