धारूहेड़ा: यहां के मुख्य बाजार स्थित जैन दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे जैनियों के दश लक्षण महापर्व पर्युषण के तीसरे दिन गुरूवार को उत्तम आर्जव धर्म का पालन किया गया।
उत्तम आर्जव के बारे में बताया गया है कि कपट नहीं करना, माया कपट छोड़ना, सीधा और सरल होना, हमारे मन, वचन, काम में सीधापन होना, यही उत्तम आर्जव धर्म सिखाता है।
हम दुनिया को तो सीधा करने में लगे रहते है पर अपने को सीधा करना नहीं सिख पाते है। अपने को ही कर्म, कर्ता और साधक बनाना, एक्त्व की भावना को दूर भगाना यही श्रेष्ठ आर्जव मार्ग है।Rewari: छात्र से सोने की चेन और मोबाइल छीना, 12 घ्ंटे में पुलिस के चढे हत्थे
पर्युषण पर्व को आध्यात्मिक दीवाली की भी संज्ञा दी गई है। जिस तरह दीवाली पर व्यापारी अपने संपूर्ण वर्ष का आय−व्यय का पूरा हिसाब करते हैं, गृहस्थ अपने घरों की सफाई करते हैं, ठीक उसी तरह पर्युषण पर्व के आने पर जैन धर्म को मानने वाले लोग अपने वर्ष भर के पुण्य पाप का पूरा हिसाब कर्म रूपी मैल की साफ−सफाई करते हैं। प्रधान निवेश जैन ने बताया कि 28 सितंबर को शोभा यात्रा निकाली जाएगी।