Rewari: 50 लाख की फिरौती के दाग से मुक्त हुए सतीश यादव

JILA PRMUKH SATISH

झूठी थी पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव, शमशेर सिंह यादव व बाबूलाल के खिलाफ की गई शिकायत

रेवाड़ी: सतीश यादव व उनके दोनों साथी बार के पूर्व प्रधान शमशेर सिंह यादव व बाबूलाल खोला 50 लाख रुपयों की फिरौती मांगने के दाग से मुक्त हो गए हैं। पुलिस जांच में क्लीन चिट मिलने व शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठी शिकायत के आरोप में धारा 182 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू होने के बाद जिला परिषद एवं बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान सतीश यादव, जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान शमशेर सिंह यादव और एडवोकेट बाबूलाल खोला ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की।राजस्थान में दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने किया संबोधित : कहा- डबल इंजन सरकार, कर दो देश से बाहर

भाजपा नेता विद्यानंद लांबा के बेटे शमशेर सिंह लांबा की ओर से इस संबंध में दी गई शिकायत दो बार की पुलिस जांच के बाद भी झूठी पाई गई है। अगर शिकायत की जांच में सतीश यादव पर आंच आती तो उनके राजनीतिक करियर पर इसका गंभीर असर पड़ सकता था।

पुलिस ने अब लांबा के खिलाफ झूठी शिकायत के आरोप में धारा 182 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की है। सतीश यादव का साथियों के साथ प्रेस के सामने आना इसलिए जरूरी हो गया था, क्योंकि शिकायत के बाद न केवल उनकी छवि पर असर पड़ा था, बल्कि चुनावी संभावनाएं भी कम हो गई थी।

पूर्व जिला प्रमुख का यह कहना कि ” मुझे अपनी रेवाड़ी पुलिस पर पूरा भरोसा था. इस केस की सच्चाई सामने लाकर रेवाड़ी पुलिस ने लोगों के सामने मिसाल पेश की है।” Maruti दे रही बंपर डिस्काउंट, जानिए किस मॉडल है सबसे ज्यादा

एक महिला घरेलू सहायक ने भाजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक विद्यानंद लांबा के खिलाफ पुलिस में अभद्रता करने की शिकायत दी थी। कहते हैं इसी मामले को लेकर सतीश यादव ने विद्यानंद लांबा के बेटे शमशेर सिंह लांबा को फोन किया था। लांबा और सतीश यादव व उनके साथी साथ-साथ रहते हैं।

एक ही सोसायटी के निवासी होने के कारण उनमें निकटता भी रही है, मगर महिला की शिकायत और बाद में सतीश यादव द्वारा शमशेर लांबा को फोन किए जाने के घटनाक्रम के पश्चात इस मामले में नए मोड़ आ गए। वह महिला तो अपनी शिकायत वापिस लेती है, जबकि सतीश यादव, शमशेर सिंह यादव और बाबूलाल खोला के खिलाफ शमशेर लांबा 50 लाख रुपये की फिरौती की शिकायत दर्ज करवाते हैं।Maruti दे रही बंपर डिस्काउंट, जानिए किस मॉडल है सबसे ज्यादा

इसी मामले की जांच हुई, जिसकें तीनों पर लगाए आरोप झूठे पाए गए। विद्यानंद लांबा का कहना है कि वह पुलिस कार्रवाई से कतई संतुष्ट नहीं है। पुलिस की क्लीन चिट का मतलब कानून की क्लीन चिट नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपनी लड़ाई लड़ेंगे। हमारे द्वारा लगाए गए आरोप निराधार नहीं है।

फिलहाल तो यही सच है कि डीएसपी स्तर के दो अधिकारियों की जांच कें 50 लाख की फिरौती मांगने के सतीश यादव व उनके साथियों पर लगाए गए आरोप निराधार पाए गए हैं।

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