Haryana: चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार की ओर से किसान दिवस के उपलक्ष्य में प्रगतिशील किसान सम्मान दिवस आयोजित किया गया। इस मौके प्राकतिक खेती में उत्कृष्ट कार्य के कंवाली के किसान यशपाल खोला को किसान रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।
वहीं गांव जखला निवासी रानी यादव को फसल विविधीकरण और वर्मी कंपोस्ट के लिए तथा गांव बहरामपुर के किसान सुनील कुमार को जैविक खेती करने के लिए सम्मानित किया गया है।
यशपाल ने पुरस्कार मिलने का श्रेय चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज को दिया । उन्होंने कहा कि प्रोफेसर कंम्बोज ने न केवल उनका हौसला बढ़ाया बल्कि स्वयं उनके धारूहेड़ा एग्रो फार्म पर आकर मार्गदर्शन किया जिसकी वजह से आज प्राकतिक खेती कर रहे है।
यशपाल ने कहा कि ये अकेला मेरा सम्मान नहीं है, पूरे दक्षिण हरियाणा का सम्मान है। जब एक संघर्षशील व धरातलीय वास्तविक किसान को कोई पुरस्कार मिलता है तो उस क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को बड़ा गर्व होता है।
जैविक खेती के प्रति जागरूक कर रहे सुनील
गांव बहरामपुर निवासी 45 वर्षीय किसान सुनील कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग उनके पास जैविक खेती के गुणों को जानने के लिए आते हैं। अभी बड़े संख्या में वह किसानों को भी जागरूक कर चुके हैं। आसपास के लोग उनसे जैविक खेती के बारे में जानने के लिए हमेशा आते रहते हैं।
काफी अच्छा लगता है। सुनील ने बताया कि किसानों को भी जैविक खेती की ओर रुख करना चाहिए। वह अपने आठ एकड़ जमीन में 2006 से जैविक खेती कर रहे हैं। वर्ष 2022 में हरियाणा सरकार व 2022 में ही राजस्थान सरकार से इन्हें नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है।
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वर्मीं कंपोस्ट का कार्य कर रहीं रानी यादव
कोसली के गांव जखला निवासी रानी यादव (40) ने बताया कि आरंभ में तो कार्य काफी मुश्किल लग रहा था। मगर जब मन में ठान लिया कि यह कार्य पूरा करना ही है तो उन्होंने अपना कार्य शुरू किया। 2 साल से वह फसल विविधकरण और वर्मी कंपोस्ट का कार्य कर रही हैं। उन्होंने इसके लिए यूट्यूब का आरंभ में सहारा लिया था। इससे उन्हें काफी मदद मिली।
यशपाल ने कहा कि जमीनी स्तर से उठा करके किसान रत्न तक के सफर के काबिल बनाने में राव संजय यादव डायरेक्टर द बाग धारूहेड़ा का सबसे महत्वपूर्ण रोल रहा है, जिन्होंने हमें एक ऐसा प्लेटफार्म धारुहेडा एग्रो फार्म दिया ।
जिस पर हमने पीछे कुछ सालों में उनके मार्गदर्शन में बगैर किसी चिंता व भय के फ्री हेड प्राकृतिक खेती, डारेक्ट सप्लाई, प्रोसेसिंग, पैकिंग, व प्राकृतिक खेती के प्रचार प्रसार में अपने अनुभव किए। बताया कि अच्छी सफलताओं को भी छुआ, जिसकी बदौलत आज हमें लोगों व किसानों की सेवा करने व किसान रत्न जैसे सम्मान प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।