Haryana News: सत्यबीर नाहड़िया ने लिखा हरियाणा राज्य का आजादी गीत

रेवाड़ी: सुनील चौहान। जिले के गांव नाहड़ निवासी साहित्यकार व शिक्षाविद सत्यवीर नाहड़िया ने हरियाणा राज्य का आजादी गीत लिखकर जिले का नाम रोशन किया है। वह वर्तमान में गांव खोरी स्थित राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में रसायनशास्त्र के प्राध्यापक के तौर पर सेवारत हैं। हरियाणवी सिनेमा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उन्होंने राज्य स्तर पर अपने निरंतर बहुआयामी साधना से जिले को गौरवान्वित करवाया है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्र सरकार की पहल पर केंद्रीय साहित्य अकादमी ने हर राज्य का आजादी गीत तैयार करवा रही है। हरियाणा का यह आजादी गीत साहित्यकार सत्यवीर नाहड़िया से लिखवाया गया है, जिसे संगीत नाटक अकादमी संगीतबद्ध कर रही है। निकट भविष्य में इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के आजादी गीत की श्रृंखला को लांच करेंगे। इससे पूर्व सत्यवीर नाहड़िया चार हरियाणवी फिल्मों में गीतकार एवं संवाद लेखक की भूमिका निभा चुके हैं, वहीं कई संगीत एल्बम में उनके गीत शामिल किए जा चुके हैं, जिनमें भारत-चीन युद्ध पर आधारित शौर्यगाथा का हरियाणवी आल्हा ‘दीवाली बासठ की बेहद’ चर्चित रहा है।
अब तक विभिन्न विधाओं में करीब डेढ़ दर्जन पुस्तकें लिख चुके नाहड़िया हरियाणवी कृतियों में रागनियां पर आधारित लोक राग, हरियाणवी मुक्तक में एक बखत था, हरियाणवी दोहा सतसई बखत-बखत की बात, श्रीमद्भगवत गीता का हरियाणवी दोहों में अनुवाद गाऊं गोविद गीत, आल्हा में हरियाणवी शौर्यगाथा जरा याद करो कुर्बानी तथा कुंडलियां विधा में नाहड़िया की कुंडलियां वह चालती चाक्की, चौपाई-गजल विधा में बोल, कबीरा बोल, ठाड्डा मारै रोवण दे ना आदि शामिल हैं। इसके अलावा दो दशकों से राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में उनके दैनिक, साप्ताहिक हरियाणवी स्तंभ कविताएं, लेख, फीचर, आलेख, शोधपत्र आदि प्रमुखता से प्रकाशित हो रहे हैं, वहीं आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से उनकी हरियाणवी रचनाएं, हरियाणवी संस्कृति पर आधारित फीचर, शोधपत्र एवं वार्ताएं प्रसारित होते रहे हैं।