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Dungarwas: जिला रेवाड़ी से करीब 12 किलोमीटर दूर गांव डूंगरवास (Dungarwas Village) किसी पहचान का मोहताज नहीं है। दिल्ली जयुपर हाईवे से सटे गांव डूंगरवास में सफाई व्यवस्था को लेकर पूरे हरियाणा में मशहूर है। गांव में एनजीओ के माध्यम से योगा, सफाई अभियान के चलते एक मिशाल बनी हुई है।
Dungarwas धारूहेड़ा ब्लॉक मेंं आता है तथा गांव में कुल मिलाकर यहां पर करीब 19 सो मतदाता हैं। इससे पहले यह रेवाडी ब्लॉक में था तथा 2019 में धारूहेड़ा में बीडीपीओ कार्यालय बनने के बाद इसे धारूहेड़ा से जोड दिया गया है।
दूषित पानी की निकासी भी गांव की बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसके कारण गांव में वर्षा के सीजन में हालात बद से बदतर हो जाते हैं। नालियों का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। गांव के मध्य में बना जोहड़ भी ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, जिसमें गांव का दूषित पानी जमा हो जाता है।
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गांव में एक ओर पहले ही बिजली कम आती है। पहले उम्मीद थी कि जोनवास में बिजली बोर्ड बनने पर बिजली आपूर्ति बढा दी जाएगी, लेकिन अभी भी यही हाल है। जर्जर केवल व लटकते तार भी आफत बने हुए है। लाईट बार बार कट जाती है। कई बार केबलों को बदलने के लिए निगम का बताया जा चुका है।
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गांव के मध्य बना जोहड़ ने भी बढ़ाई परेशानी:
गांव के बीच में बडा जोहड़ बना हुआ है। ग्रामीणाें की सुविधा के लिए बनाया गया यह जोहड़ अब ग्रामीणों के लिए परेशानी बना हुआ है। दरअसल जोहड़ में गांव का दूषित पानी छोड़ा जा रहा है और दिनभर दूषित पानी से दुर्गंध उठती रहती है, जिसके चलते आसपास के ग्रामीणों का रहना मुश्किल हो गया है। वहीं वर्षा के चलते यह जोहड़ पानी से लबालब हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी हुई है।
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जर्जन भवन में चल रहा अस्पताल
गांव में पशुओ की बीमारियो से पशु चिकित्सालय तो बनाया हुआ है। लेकिन सिर्फ कागजों में चल रहा है। पशु चिकित्सालय भवन की बिल्डिंग पूर्णतया जर्जर हो चुका है। कई बार भवन बनाने की शिकायत की जा चुकी है। विभाग का कहना है इस जमीन को पशुपालन विभाग के नाम करवाई उसके बाद ही बिल्डिंग बनाई जा सकेंगी। जमीन पंचायत की होने के चलते अब बिल्डिंग भी पंचायत की ओर से ही बनाई जाएगी।
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गांव में नालियां तो पक्की है, लेकिन नालियों की नियमित सफाई नहीं हो पा रही है। इतने बडे गांव के लिए केवल एक ही सफाई कर्मचारी है जो सफाई नहीं कर पाता हैं
अमन, ग्रामीण
गांव में दूषित पानी की निकासी नहीं होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
चंद्रजीत, ग्रामीण
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गांव के बाहर बना हुआ नाले के कई सालोंं से सफाई नहीं हुई है। बरसात के समय ओवरफलो होने से पानी मुख्य गलियों में पहुंच जाता है। जिसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है। मगर शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं है।
प्रदीप, ग्रामीण
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गांव की गलियों की नियमित सफाई नहीं हो पाती है। आबादी बढने के साथ गलियों व नलियां काफी ज्यादा हो गई है, लेकिन एक ही कर्मचारी के जिम्मेदारी दी हुई है।
– आशीश, ग्रामीण
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गांव की बिजली की समस्या गंभीर बनी हुई। लटकते तारों में तथा जर्जर केबल में आए दिन चिंगारी से आग लग जाती है। अकसर बिजली की समस्या रहती है। तारों व कबेलों को बदले के लिए कई बार शिकायत की जा चुकी है।
– शशी बाला, ग्रामीण
गांव सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। हमारे गांव में केवल एक ही कर्मचारी सफाई के लिए लगाया हुआ है। गलियों में ठीक से सफाई नहीं होने लोग परेशान है।
– जितेंद्र, ग्रामीण
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गांव में न केवल जगह-जगह पेयजल लाइन लीकेज है। इसी के चलते पूरा पूरा पानी भी नहीं पहुंच पाता है। शिकायत के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।
– डा योगेश
जोहड की सफाई तथा नाले की पैमाईस करवाकर पक्का करवाने के लिए सांसद राव इंद्रजीत से मुलाकत की है। उन्होंने जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया है। तारों को बदलवाने के लिए निगम को अवगत करवाया गया है।
– विपिन कुमार, सरपंच डूंगरवास