Cyber Crime Rewari: : 120 दिन में 37 लोग हुए ठगी के शिकार

चार माह के दौरान पकडे गए ठगो से 26 लाख रूपए बरामद रेवाड़ी: साइबर ठग आए दिन लोगों को अपना शिकार बना रहे है। तरह तरह के प्रलोबल देकर बैंक खातों से नकदी साफ कर रहे हैं। चार माह के दौरान रेवाडी के 37 लोगो का अपना शिकार बना चुके है। दुकान से सेंघ: तीन क्विटल कापर व इन्वर्टर चोरी साइबर टीम ने चार माह के दौरान पुलिस साइबर ठगों से 26 लाख रुपये जब्त कर चुकी है। हाल ही में एक युवक से ठगे गए पांच लाख रुपये की ट्रांजेक्शन भी पुलिस ने रुकवाई है। फैक्ट्री उगल रही जहर, देश का सबसे प्रद्रू​शित शहर बना धारूहेडा चार माह के दौरान जिले के विभिन्न थानों में साइबर ठगी के 37 मामले दर्ज हो चुकी है। साइबर ठगों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस लाइन में साउथ रेंज साइबर थाना सहित अन्य थानों में भी मदद के लिए अलग से साइबर डेस्क स्थापित की है। पुलिस द्वारा हर माह प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।   डीएसपी अमित भाटिया ने बताया कि गांव रोजका निवासी निशांत यादव को प्रति माह 40 से 50 हजार रुपये कमाने का झांसा देकर पांच लाख पांच हजार 659 रुपये ठग लिए थे। निशांत की शिकायत पर साउथ रेंज साइबर थाना में शिकायत दर्ज की गई थी। जांच के दौरान पता लगा कि साइबर ठगों द्वारा निशांत से ठगी गई राशि गुरुग्राम के अतिरिक्त जयपुर व जिला बीकानेर में विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है। Murder in Haryana: खेत में सो रहे किसान की निर्ममता से लाठी-डंडों से पीटकर हत्या सभी खातों को नोडल अधिकारियों से संपर्क कर फ्रीज कराया गया और ट्रांजेक्शन को वहीं रोक दिया गया। जिन खातों फ्रीज कराया गया है, उनमें कुल 12 लाख रुपये जमा है। निशांत के अतिरिक्त अन्य लोगों से भी ठगी की आशंका है। पांच लाख रुपये वापस कराने की प्रक्रिया अभी जारी है। इस वर्ष कुल 26 लाख रुपये वापस कराए गए है। युवाओ के ​लिए सुनहरा मोका: पीजीआई ने निकाली भर्ती हेल्पलाइन 1930 करेगी मदद: यदि कोई भी व्यक्ति मदद के नाम पर मोबाइल में एनीडेस्क या टीम व्यूअर एप डाउनलोड करने या रुपये भेजने के लिए क्यूआर कोड स्कैन कराता है तो ठगी का शिकार हो सकते हैं। डीएसपी अमित भाटिया ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ ठगी होती है तो सबसे पहले हेल्पलाइन नंबर-1930 पर संपर्क कर पूरी जानकारी दें। पीड़ित द्वारा हेल्पलाइन व पुलिस को जितनी जल्दी शिकायत दी जाएगी, ठगी की राशि वापस मिलने की ज्यादा उम्मीद रहती है।   विदेशों से भी हो सकती है ठगी: पुलिस जांच की तो पता लगा कि ठगी गई राशि की चीन, यूनाइटेड स्टेट व यूरोप तक बैंक खातों में ट्रांजेक्शन हुई है। ऐसे मामलो में जिन देशों से भारत का लीगल एग्रीमेंट है, उनसे भी मदद ली जा रही है। युवाओ के ​लिए सुनहरा मोका: पीजीआई ने निकाली भर्ती विदेशों में बैठे साइबर ठग भी यहां के लोगों को अपना शिकार बना रहे है। कुछ समय पहले बावल औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक कंपनी को माल भेजने के बदले में लाखों रुपये ठग लिए गए थे।